राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी आज भी साइकिल की सवारी करती है. बंगाल में 78.9 प्रतिशत परिवारों के पास है साइकिल.
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कोलकाताः अक्सर राह चलते हुए सड़कों या बाजारों में मोटरसाइकिल और कारों की संख्या को देखकर ऐसा लगता है कि लोगों ने अब साइकिल चढ़ना छोड़ दिया है. जो लोग पहले साइकिल चढ़ते थे, उन सभी ने शायद कार या बाइक खरीद ली है. लेकिन हमारा और आपका ऐसा सोचना सही नहीं है. देश में साइकिल चढ़ने वालों की संख्या अभी भी किसी दूसरे सवारी पर चढ़ने वालों के मुकाबले में ज्यादा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इस तथ्य पर रौशनी डाली गई है कि किस राज्य में कितने लोगों के पास अभी साइकिल है.
75.6 प्रतिशत के साथ दूसरे मुकाम पर उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 78.9 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल हैं, जो देश में सर्वाधिक है. इस सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में औसतन 50.4 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल हैं और इस मामले में उत्तर प्रदेश 75.6 प्रतिशत के साथ दूसरे मुकाम पर है.
बिहार में 64.8 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल
एनएफएचएस की 2019-22 की रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा में 72.5 प्रतिशत परिवारों, छत्तीसगढ़ में 70.8 प्रतिशत, असम में 70.3 प्रतिशत, पंजाब में 67.8 प्रतिशत, झारखंड में 66.3 प्रतिशत और बिहार में 64.8 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल हैं.
नगालैंड में सिर्फ 5.5 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल
रिपोर्ट के मुताबिक, नगालैंड में सबसे कम 5.5 प्रतिशत परिवारों के पास, जबकि सिक्किम में 5.9 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल हैं.दीगर राज्यों में गुजरात में 29.9 फीसदी परिवारों और दिल्ली में 27.2 प्रतिशत परिवारों के पास साइकिल हैं.
पश्चिम बंगाल में ज्यादा साइकिल की ये है वजह
पश्चिम बंगाल के एक आला अफसर ने बताया कि राज्य सरकार की ‘सबूज साथी’ स्कीम की वजह से पश्चिम बंगाल शीर्ष स्थान पर है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत नौंवी से 12 कक्षाओं तक के विद्यार्थियों को साइकिल दी जाती हैं. यही मुख्य वजह है कि पश्चिम बंगाल में हमने साइकिल सवारों में इतनी वृद्धि दर्ज की है. यह योजना न केवल विद्यार्थियों बल्कि उनके परिवारों को भी मदद कर रही है.
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