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मनोज जैन/उज्जैन: मेहकमा सेहत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जहां दिन-रात मेहनत व मशक्कत कर रहा है वहीं कुछ जगहों से उसकी लापरवाई की खबरें भी सामने आ रही हैं. उज्जैन में गुज़िश्ता दिनों दो डॉक्टरों ने एक कोरोना मुतास्सिर खातून का इमरजेंसी वार्ड में ईलाज किया था और उस खातून की बाद में मौत भी हो गई. जिसके बाद मेहकमा सेहत ने उन दोनों डॉक्टरों को फिर से बगैर किसी जांच के वार्ड में तैनात कर दिया है.
दरअसल जिला अस्पताल के डॉ विक्रम रघुवंशी और विनय कुशवाह ने कोरोना वायरस से मुतास्सिर खातून का इलाज किया था. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाई गई इस खातून की हालत बिगड़ने के बाद उसे कोरोना वायरस सेंटर भेजा गया था. जहां उसकी मौत हो गई. अब डॉ रघुवंशी और डॉक्टर कुशवाह ने अपने अफसरों से गुहार लगाई थी कि उनकी भी जांच की जानी चाहिए और उसके बाद ही उन्हें दोबारा इमरजेंसी वार्ड या दीगर वार्ड में मरीज़ो की देख-रेख के लिए तैनात किया जाना चाहिए.
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हालांकि यह बड़ी लापरवाई मेहकमा सेहत की दिखाई देती है क्योंकि बगैर किसी जांच के अगर डॉक्टर मरीजों के राब्ते में आए तो दूसरे मरीज़ों के भी इससे मुतास्सिर होने का खदशा है. दोनों ही डॉक्टर इस बात का सिर्फ खदशा ही जता रहे हैं कि उन्होंने कोराना से मुतास्सिर लक्ष्मीबाई का इब्तेदाई ईलाज किया था और ऐसे में मुमकिन है कि वे दोनों भी वारयर से मुतास्सिर हों. फिलहाल मामला सामने आने के बाद उज्जैन कलेक्टर ने दोनों ही डॉक्टर को घर पर रहने की सलाह दी है.