बताया जा रहा है कि अंकित शर्मा के आखिरी सफ़र के दौरान राम नाम सत्य है की जगह शहरियत तरमीमी कानून (CAA) और NRC की हिमायत में नारे बाज़ी हुई. साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.
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नई दिल्ली: दिल्ली तशद्दुद का शिकार हुए आईबी (IB) कारकुन अंकित शर्मा का जुमेरात को उनके आबाई गांव में रियासती ऐज़ाज़ के साथ उनकी आख़री रसूमात को अंजाम दिया गया. इस मौके पर उनकी अर्थी को कंधा देने के लिए लोगों का बड़ा हुजूम था मौजूद था, साथ ही मरकज़ी वज़ीर, डीएम, एसएसपी समेत तमाम आला अफसरान ने उन्हें सलामी दी. भाई अंकुर शर्मा ने अंकित शर्मा के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. बताया जा रहा है कि अंकित शर्मा के आखिरी सफ़र के दौरान राम नाम सत्य है की जगह शहरियत तरमीमी कानून (CAA) और NRC की हिमायत में नारे बाज़ी हुई. साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.
बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कांस्टेबल अंकित शर्मा (Ankit Sharma) वैसे तो अपने परिवार के साथ दिल्ली के खजूरी इलाके में रहते थे, लेकिन उनका आबाई गांव इटावा है जोकि मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना थाने के तहत आता है. उनकी मौत की ख़बर के बाद से ही उनके गांव में मातम पसरा हुआ है.
अंकित शर्मा के परिवार वालों ने अंकित के कत्ल का इल्ज़ाम आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) पर लगाया है. उन्होंने कहा कि अंकित पर तलवार और चाकू से हमला किया गया. उनकी लाश तो नाले में फेंक दी गई. अंकित परिवार वालों के मुताबिक उनका बेटा मंगल शाम को खजूरी में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर वापस लौट रहा था. तभी खजूरी पुलिया पर कुछ ना मालूम दंगाइयों ने उन्हें घेर लिया. परिवार वालों के मुताबिक काउंसलर ताहिर हुसैन (Councillor Tahir Hussain) की बिल्डिंग से 15-20 लोग आए और अंकित से साथ मारपीट करने लगे इसके बाद ये लोग अंकित को बिल्डिंग के अंदर ले गए और वहां उसका कत्ल कर दिया. मंगल से ही उनका परिवार अंकित की तलाश में लगा हुआ था और बुध को जब इलाक़े की छानबीन की गई, तो अंकित की लाश चांद बाग़ के एक गंदे नाले में पड़ी मिली. आईबी जवान अंकित के वालिद रविंदर शर्मा भी दिल्ली में आईबी में ही तैनात हैं.