जूही चावला ने मुल्क में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने अपनी अपील में इंसानों, जानवरों, पेड़-पौधों और जीवों पर इस तकनीक के रेडिएशन के दुषप्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया है .
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नई दिल्ली: मोबाइल रेडिएशन पर आप ने गुजरे ज़माने की मशहूर फिल्म अदाकारा जूही चावला को अपने वीडियो में लोगों के बीच जागरुकता फैलाते जरूर देखा होगा. लेकिन अब मोबाइल रेडिएशन के खिलाफ उनकी ये लड़ाई अदालत पहुंच गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला से बुध को कहा कि वह मुल्क में 5जी वायरलेस नेटवर्क कयाम करने के खिलाफ दायर अपनी याचिका पर एक ब्रीफ नोट दाखिल करें। जूही चावला ने मुल्क में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने अपनी अपील में इंसानों, जानवरों, पेड़-पौधों और जीवों पर इस तकनीक के रेडिएशन के दुषप्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया है.
5जी तकनीक को बताया मानव के लिए खतरा
वकील दीपक खोसला के जरिए से दायर याचिका में कहा गया है कि इन 5जी तकनीक से इंसानों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थाई नुकसान पहुंचने का खतरा है। चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर करके कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा।
कंपनियां साबित करें कि यह कितना सुरक्षित है
अपील में प्राधिकारियां को यह साबित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है।
10 सालों से जूही रख रही हैं अपनी बात
दूसरी जानिबए एक इंस्टाग्राम वीडियो में जूही चावला ने कहा है कि लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अचानक क्यों उठी और मुकदमा दायर कर दिया. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं आज नहीं पिछले 10 वर्षों से विकिरण, सुरक्षित सेल फोन का उपयोग, सेल फोन टॉवर विकिरण और इसपर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही हूं.
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