मलिक ने कहा जब मैं जम्मू-कश्मीर का गवर्नर था, 'मैंने सभी के लिए राजभवन खोला. मेरे सभी सलाहकारों को हफ्ते में एक बार लोगों की शिकायतें सुनने का काम सौंपा गया था.
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पणजी: जम्मू-कश्मीर के साबिक गवर्नर सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने साबिक वज़ीरे आला उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. मलिक ने कहा है कि पाकिस्तान के दबाव में जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं ने पंचायत चुनाव में उनका साथ नहीं दिया.
उन्होंने आगे कहा, ' वजीरे आज़म ने कहा था कि हम जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में पंचायती इंतेखाबात कराएंगे. मैंने प्रोटोकॉल तोड़ा और उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) व महबूबा मुफ्ती (Mahbuba Mufti) के घर गया. उन्होंने पाकिस्तान के दबाव में पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. दहशतगर्दों ने धमकी भी दी लेकिन इंतेखाबात कामयाबी के साथ मुकम्मल हुए.'
PM had said that we will conduct panchayat elections (in J&K). I broke protocol & went to Omar Abdullah &Mehbooba Mufti's residence. They refused to participate under Pakistan's pressure. Terrorists also threatened yet election was held successfully: SP Malik, former J&K Governor pic.twitter.com/4o9BcLJZMV
— ANI (@ANI) May 23, 2020
मलिक ने कहा जब मैं जम्मू-कश्मीर का गवर्नर था, 'मैंने सभी के लिए राजभवन खोला. मेरे सभी सलाहकारों को हफ्ते में एक बार लोगों की शिकायतें सुनने का काम सौंपा गया था. मेरी मुद्दत में 95,000 शिकायतें आईं, मैंने उनमें से 93,000 को गोवा आने से पहले हल कर दिया. इस वजह से लोग सुकून महसूस करते थे, लोगों में गुस्सा कम था.'
उन्होंने आगे कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में 1 साल में 52 डिग्री कॉलेज, 8 मेडिकल कॉलेज दिए, 282 जूनियर स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल किया. जितने तरक्कियाती काम फंड की कमी की वजह से रूके हुए थे उसके लिए हमने बैंकों से 8,000 करोड़ रुपये उठाया और काम शुरू हो गया.
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