इस Study के दौरान मुल्क भर से पत्ते वाली, फल वाली और ज़मीन के नीचे उगने वाली सब्जियों के 3 हज़ार 300 से ज्यादा Samples लिए गए थे.
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नई दिल्ली/मुमताज़ खान: आजकल ख़बरों में मिलावट का दौर चल रहा है तो शायद ही कोई आपको सब्जियों में मिलावट के बारे में बताएगा. क्योंकि सब्जियों में टीआरपी नहीं है लेकिन आपकी सेहत हमारे लिए ज़रूरी है और अब हम आपको मोहतात करने वाली एक खबर बताने जा रहे हैं क्योंकि एफएसएसएआई (Food Safety and Standards Authority OF India) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कई सूबों में बिकने वाली सब्जियों में 2 फ़ीसद से 25 फ़ीसद तक सब्जियां ज़हरीली हैं.
FSSAI की मुल्कगीर (देशव्यापी) जांच में पता चला है कि बाजार में बिकने वाली साढ़े 9 फ़ीसद सब्जियां खाने के लायक़ नहीं हैं क्योंकि इन सब्जियों में Lead और Cad-Mium जैसे नुकसानदेह हैवी मैटल्स की मिकदार तय मिकदार से 2 से 3 बार ज़्यादा पाई गई है.इन सूबों में सबसे बुरे हालत मध्य प्रदेश के हैं. जहां उगाई और बेचे जानी वाली 25 फ़ीसद सब्जियां जांच में फेल हो गई हैं. दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है जहां 13 फ़ीसद सब्जियों में ख़तरनाक अनासिर (तत्व) पाए गए हैं. इसके बाद बिहार, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और दिल्ली का नंबर आता है.
इन सूबों में उगाई और बेची जाने वाली कितने ही फ़ीसद सब्जियां जांच में फेल हुई हैं .इस रिसर्च के दौरान पूरे मुल्क को पांच Zones में बांटा गया था. इनमें से सिर्फ साउथ ज़ोन से लिए गए सभी नमूने जांच में पास हुए हैं, जबकि सेंट्रल, मश्रिक़ी (पूर्वी) , मग़रिबी (पश्चिमी) और शुमाली (उत्तरी) ज़ोन में 5 से लेकर 15 फ़ीसद तक सब्जियां ज़हरीली पाई गई हैं.
इस Study के दौरान मुल्क भर से पत्ते वाली, फल वाली और ज़मीन के नीचे उगने वाली सब्जियों के 3 हज़ार 300 से ज्यादा Samples लिए गए थे. इनमें से 306 यानी तक़रीबन 9 फ़ीसद Samples किसी ना किसी पैमाने पर फेल हो गए. जो 306 Samples फेल हुए हैं उनमें से 260 में लेड की मिकदार तय मिकदार से बहुत ज्यादा पाई गई है.
पत्ते वाली सब्जि़यों को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब्जियों में Lead की मिकदार 100 माइक्रोग्राम फ़ी किलो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन मध्य प्रदेश में बिकने वाले टमाटर में 600 माइक्रोग्राम तो भिंडी में 1000 माइक्रोग्राम तक Lead पाया गया है. Lead के अलावा मुल्क भर में खाई जाने वाली इन सब्जियों में Cad-Mium, Arsenic और Mercury जैसे एलीमेंट्स भी पाए गए हैं.
अब आप सोच रहे होंगे कि भारत तो हमेशा से पैदावारी पर मुनहस्सिर रहने वाला मुल्क रहा है और यहां हज़ारों बरसों से क़ुदरती माहौल में सब्जियां उगाई जा रही हैं तो आख़िर सब्जियों में ये ज़हर आया कहां से?
तो इसका जवाब ये है कि सब्जियों में ये ज़हरीले अनासिर पेस्टीसाड्स के इस्तेमाल, मिट्टी में आई ख़राबी और गंदे पानी से खेती करने पर आते हैं और ये मुल्क के किसी एक शहर या गांव की कहानी नहीं है बल्कि ये पूरे मुल्क में हो रहा है.
Lead, Cad-Mium, Arsenic और Mercury जैसे एलीमेंट्स अगर ज्यादा मिकदार में जिस्म में चले जाएं तो ये आपको ज़हनी और जिस्मानी तौर बीमार कर सकते हैं और इनमें से कुछ तत्व तो जानलेवा ही होते हैं. इसके अलावा ये बच्चों की ग्रोथ पर भी असर डालता है और ये किडनी के लिए भी नुकसानदेह है.
Aresenic से आपको दिल की संगीन बीमारियां हो सकती हैं तो Cad Mium आपकी हड्डियों को कमज़ोर करता है और आपकी किडनी को भी खराब कर सकता है. मुल्क भर में उगाई और बेची जाने वाली सब्जियों की जांच का हुक्म साल 2017 में भोपाल के National Green Tribunal ने एक अर्ज़ी पर समआत के बाद जारी किया था.
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