आज ही के दिन 21 साल बाद वतन लौटे थे गांधी जी; जानिए क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस
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आज ही के दिन 21 साल बाद वतन लौटे थे गांधी जी; जानिए क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस

महात्मा गांधी ने साल 1893 में 24 साल की उम्र में वकालत के लिए साउथ अफ्रीका का रुख किया था. वह वहां 21 साल तक मुकीम रहे. इस दौरान उनकी शोहरत एक बड़े और तजरुबेकार वकील के तौर पर हो चुकी थी. 

आज ही के दिन 21 साल बाद वतन लौटे थे गांधी जी; जानिए क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस

नई दिल्ली: तारीख में आज के दिन को बड़ी अहमियत हासिल है. आज ही के दिन 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ भारत वापस लौटे थे. 09 जनवरी 1915 की सुबह बंबई (अब मुंबई) के अपोलो बंदरगाह पर गांधी जी और कस्तूरबा पहुंचे तो वहां मौजूद हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शानदार तौर तरीके से उनका इस्तकबाल किया था.

प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को इस दिन याद किया जाता है
अब महात्मा गांधी के वापसी के दिन को हर साल भारत में प्रवासी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन हर साल भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है.

अफ्रीका में गांधी जी ने मजलूमों और बेसहारों के लिए कई लड़ाईयां लड़ीं
महात्मा गांधी ने साल 1893 में 24 साल की उम्र में वकालत के लिए साउथ अफ्रीका का रुख किया था. वह वहां 21 साल तक मुकीम रहे. इस दौरान उनकी शोहरत एक बड़े और तजरुबेकार वकील के तौर पर हो चुकी थी. इस अर्से में गांधी जी ने मजलूमों और बेसहारों के लिए कई लड़ाईयां लड़ीं और जीतीं भी. इस दौरान इसकी चर्चा भारत में भी हुई और यहां के लोगों की गांधी जी से उम्मीदें बंधने लगीं.

अफ्रीका में कियाम के दौरान ही गांधी जी के सियासी और अखलाकी फिक्रों की तरक्की हुई थी. साउथ अफ्रीका में अपनी चमड़ी के रंग की वजह से उन्हें बहुत भेदभाव झेलना पड़ा. उन्होंने वहां भारतीयों और अश्वेतों के साथ होने वाले भेदभावों के खिलाफ आवाज उठाई और उनके हक के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं और इनमें गाधी जी को कामयाबी भी मिली.

वतन लौटने के दो साल बाद चम्पारण सत्याग्रह किया
जब 21 साल बाद गांधी जो वतन लौटे तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सु जुड़ गए और मुल्क की आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया. गांधीजी ने भारत लौटने के दो साल बाद बिहार के चम्पारण से आजादी के लड़ाई के लिए सत्याग्रह शुरू किया. इसे चम्पारण सत्याग्रह भी कहा जाता है. गांधीजी की स्वदेश वापसी की याद में हर साल 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाया जाता है

पहली बार भारतीय दल अंटार्कटिका पहुंचा
नौ जनवरी का इतिहास (History) भारतीय वैज्ञानिकों (Indian scientists) की एक बड़ी उपलब्धि के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज है. दरअसल धरती के चरम दक्षिण में स्थित बर्फीले अंटार्कटिक महाद्वीप (Antarctic continent) पर पहला भारतीय अभियान दल नौ जनवरी 1982 को पहुंचा था. ये भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी. इस अभियान की शुरुआत 1981 में हुई थी और इस टीम में कुल 21 सदस्य थे, जिसका नेतृत्व डॉक्टर एस जेड कासिम ने किया था.

डॉक्टर एस जेड कासिम तब पर्यावरण विभाग के सचिव थे और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक का पद संभाल चुके थे. इस मिशन का लक्ष्य यहां वैज्ञानिक अनुसंधान करना था. इस दल ने अपनी यात्रा की शुरुआत गोवा से छह दिसंबर, 1981 को की और अंटार्किटक से 21 फरवरी, 1982 को वापस गोवा पहुंच गए.

देश और दुनिया में 8 जनवरी को दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा
1664 : सूरत में लूटपाट करने के बाद शिवाजी ने शहर छोड़ा.
1792 : तुर्की और रूस ने जस्सी समझौते पर हस्ताक्षर किए.
1873 : नेपोलियन तृतीय का निधन.
1915 : दक्षिण अफ्रीका से वापसी के बाद महात्मा गांधी बम्बई पहुंचे.
1927 : पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू करने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म.
1934 : अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों की धड़कन पर राज करने वाले पार्श्वगायक गायक महेंद्र कपूर का जन्म.
1963 : देश में स्वर्ण नियंत्रण उपायों की घोषणा.
1972 : इस बात का ऐलान किया गया कि साल 1971 में फीचर फिल्मों के निर्माण के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर रहा. इस अवधि में कुल 433 फीचर फिल्मों का निर्माण हुआ.
1982 : भारत का पहला वैज्ञानिक अभियान दल अंटार्कटिका पहुंचा.
2001 : बांग्लादेश में हिंदुओं की संपत्ति लौटाने संबंधी विधेयक मंजूर.
2008 : श्रीलंका की सेना ने लिट्टे के इलाके को अपने कब्जे में लिया.
2011 : ईरान एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 77 लोगों की मौत.
2012 : लियोनेल मेसी ने लगातार दूसरे साल फीफा का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का खिताब अपने नाम किया.
2020 : भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी नियमों में संशोधन किया.

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