कांग्रेस में गहरी हुई दरार: सिब्बल के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने भी खड़े किए सवाल
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कांग्रेस में गहरी हुई दरार: सिब्बल के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने भी खड़े किए सवाल

उन्होंने कहा कि मैं लीडरशिप पर किसी भी तरह के सवाल नहीं खड़ें करूंगा. हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ रिश्ता टूट गया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: बिहार असेंबली चुनाव के नतीजों के आने के बाद एक के बाद एक कांग्रेस नेता पार्टी कयादत व काम करने के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं. कपिल सिब्बल के बाद अब कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने संगीन सवाल खड़े किए हैं. गुलाम नबी आजाद ने 'वीआईपी कल्चर' को बदलने की जरूरत बताते हुए जमीनी सतह पर पार्टी कमजोर होने की बात स्वीकार की है.

उन्होंने कहा कि मैं लीडरशिप पर किसी भी तरह के सवाल नहीं खड़ें करूंगा. हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ रिश्ता टूट गया है. जब कोई ओहदेदार (पदाधिकारी) हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम ख़त्म हो गया, बल्कि उसका काम तो उस वक्त शुरू होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारा ढांचा कमजोर है, हमें ढांचा पहले खड़ा करना पड़ेगा. फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा. सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी, बिहार आएगा, मध्य प्रदेश आएगा, उत्तर प्रदेश आएगा, नहीं वो सिस्टम से बदलेगा.

पार्टी के वीआईपी कल्चर की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, '5-स्टार से चुनाव नहीं लड़े जाते. हमारे नेताओं के साथ मसला है कि अगर टिकट मिल गया तो 5-स्टार में जाकर बुक हो जाते हैं. एयर कंडीशनर गाड़ी के बिना नहीं जाएंगे, जहां कच्ची सड़क है वहां नहीं जाएंगे. जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते.'

उनके इस बयान पर इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) के नेशनल अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि जिन 'सीनियर नेताओं' को मर्यादा की मिसाल 
पेश करते हुए संगठन की गरिमा रखना चाहिए, वो ही मर्यादाओं को तार-तार करने में लगे है! लेकिन शहादतों और समर्पण के बल पर खड़ा हुआ ये संगठन कल भी मजबूत था, आज भी मजबूत है और कल भी मजबूत रहेगा...!

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