HC ने कहा, "बेटी कोई सम्पत्ति नहीं जिसका 'कन्यादान' किया जाए"; पिता को लगाई फटकार
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HC ने कहा, "बेटी कोई सम्पत्ति नहीं जिसका 'कन्यादान' किया जाए"; पिता को लगाई फटकार

अदालत ने कहा कि वह लड़की के भविष्य को लेकर चिंतित है और अपनी ‘आंखें नहीं बंद रख सकती.’ अदालत ने बाल कल्याण समिति को इस संबंध में जांच करने और अपनी रिपोर्ट पेश करने का हुक्म दिया है. 

अलामती तस्वीर

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ (Aurangabad Bench of Bombay High Court ) ने एक व्यक्ति द्वारा अपनी 17-वर्षीया बेटी को तांत्रिक को ‘दान’ करने (Man Donates minor daughter to Priest) के मामले में सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि लड़की कोई सम्पत्ति नहीं, जिसे दान में दिया (HC says daughter is not a property to be donated) जाए. न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी की सिंगल बेंच ने यह टिप्पणी इस माह के शुरू में तांत्रिक शंकेश्वर ढाकने और उसके शिष्य सोपान ढाकने की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान की. दोनों को नाबालिग लड़की के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 

भगवान के समक्ष किया गया ‘कन्यादान’
न्यायमूर्ति कंकनवाड़ी ने अपने आदेश में अभियोजन के मामले का संज्ञान लिया कि 2018 में 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लड़की के पिता और ढाकने के बीच अपने तरह का ‘दानपत्र’ का करार किया गया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा है, ‘‘यह कहा गया है कि आदमी ने अपनी बेटी का दान बाबा को दे दिया था और यह भी कहा गया है कि यह ‘कन्यादान’ भगवान के समक्ष किया गया है. लड़की के खुद के बयान के मुताबिक वह नाबालिग है, फिर उसके पिता ने उस लड़की का ‘दान’ क्यों कर दिया, जबकि वह शख्स खुद उसका अभिभावक है.’’ 

कोर्ट ने कहा, हम अपनी आंखें नहीं बंद रख सकते 
न्यायमूर्ति कंकनवाड़ी ने इसे परेशान करने वाला मामला बताया और कहा, ‘‘लड़की कोई सम्पत्ति नहीं होती, जिसे दान में दिया जा सके.’’ अदालत ने कहा कि वह लड़की के भविष्य को लेकर चिंतित है और अपनी ‘आंखें नहीं बंद रख सकती.’ अदालत ने बाल कल्याण समिति को इस संबंध में जांच करने और अपनी रिपोर्ट पेश करने का हुक्म देते हुए कहा, ‘‘यह लड़की के भविष्य के मद्देनजर है और उसे (लड़की को) किसी गैर-कानूनी गतिविधियों में नहीं शामिल किया जाना चाहिए.’’ 

चार फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई 
दोनों मुल्जिम जालना जिले के बदनापुर स्थित मंदिर में इस लड़की और उसके पिता के साथ रहते थे. लड़की ने अगस्त 2021 में दोनों के खिलाफ बलात्कार के इल्जाम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हालांकि शुक्रवार को अदालत ने 25-25 हजार रुपये के जमानती बाण्ड की शर्त पर दोनों की जमानत मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई चार फरवरी तय की है. 

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