समस्तीपुरः बिहार का समस्तीपुर (Samastipur) जिला अभी दो दिन पहले गरीबी और भूखमरी से तंगहाल एक परिवार के पांच सदस्यों के सामूहिक आत्महत्या के कारण सुखियों में था. समस्तीपुर से ही एक ऐसी शर्मनाक खबर आई है, जिससे सरकारी अस्पतालों में चल रहे काले कारनामों की पोल खोल दी है. यहां के सरकारी अस्पताल में एक पिता को उसके बेटे का शव देने के एवज में अस्पताल के कर्मचारी द्वारा 50 हजार रुपये की मांग (Hospital Demands 50 thousands) करने का मामला सामने आया है. लाचार पिता के पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने बेटे की लाश के लिए पैसे जमा करने को इलाके के लोगों से भीख मांगना शुरू कर दिया.



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कुछ दिन पहले बेटा हो गया था लापता 
मृत युवक के पिता महेश ठाकुर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका बेटा लापता हो गया था. जब कई दिनों बाद वह वापस घर नहीं लौटा और उसका कोई अता-पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. फिर अभी उनके पास जिले के सदर अस्पताल से फोन आया जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है और उसकी लाश अस्प्ताल में पड़ी है. महेश ठाकुर जब अस्पताल में बेटे की लाश लेने पहुंचे तो अस्पताल के एक कर्मी ने लाश के बदले उनसे 50 हजार रुपये की मांग की. 

पैसे जमा करने के लिए मां-बाप को मांगनी पड़ी भीख 
महेश का कहना है कि वह निहायत ही गरीब आदमी हैं, उनके पास इतने पैसे नहीं थे. इसलिए बेटे की लाश अस्पताल से छुड़ाने के लिए उन्होंने लोगों से चंदा और भीख देने की अपील की. वह और उनकी पत्नी इलाके में घर-घर घूमकर लोगों से पैसे मांगने लगे. कई लोगों ने उनकी मदद भी की. साथ ही किसी के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे आदतन भिखारी नहीं है, बल्कि बेटे की लाश अस्पताल से लाने के लिए पैसे जमा कर रहे हैं. इसके बाद इसकी सूचना किसी ने अस्पताल के अधिकारियों तक पहुंचा दी. 
 



दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी 
इस पूरे मामले में समस्तीपुर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन एसके चौधरी ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उल्लेखनीय हे कि कुछ साल पहले इसी समस्तीपुर के कई निजी  अस्पतालों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली और आयुष्मान कार्ड लाभार्थी महिलाओं से पैसे बनाने के लिए उनका जबरन बच्चेदानी निकाल देने की घटना सामने आई थी.


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