Gyanvapi case Survey: इसके साथ ही अदालत ने कमीशन की कार्यवाही पर ऐतराज दाखिल करने के लिए दोनों पक्षों को एक सप्ताह का वक्त दिया है.
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वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी (Gyanvapi- Shringar Gauri ) मुकदमे की सुनवाई के लिए वाराणसी जिला अदालत ने 26 मई की तारीख नियत की है. सरकारी वकील राणा संजीव सिंह ने बताया कि अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के हुक्म के मुताबिक मुकदमे की संजीदगी पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख मुकर्रर की है. उन्होंने बताया कि यह मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी. सिंह ने बताया कि इसके साथ ही अदालत ने कमीशन की कार्यवाही पर ऐतराज दाखिल करने के लिए दोनों पक्षों को एक सप्ताह का वक्त दिया है.
मुस्लिम पक्ष ने कहा, खारिज किया जाए मुकदमा
मुस्लिम फरीक के वकील अभय नाथ यादव ने बताया कि उन्होंने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्होंने अदालत में अर्जी देकर यह कहा है कि यह मुकदमा सुनने लायक नहीं है, क्योंकि ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई करना उपासना स्थल अधिनियम-1991 की खिलाफवर्जी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा किया था ट्रांस्फर
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने पिछली 20 मई को ज्ञानवापी मामले को वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज के न्यायालय में ट्रांस्फर करने का हुक्म दिया था. न्यायालय का कहना था कि चूंकि यह मामला बेहद संजीदा है इसीलिए कोई तजुर्बेकार न्यायिक अधिकारी इस मामले को सुने. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएसएन नरसिम्हा और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा था कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में जरूर है लेकिन पहले इसे वाराणसी की जिला अदालत में सुना जाए. उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि जिला जज आठ हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करें.
कोर्ट के आदेश पर हुआ था सर्वे
दिल्ली निवासी राखी सिंह और दीगर अर्जी पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी अहाते की वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का हुक्म दिया था. सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी. हिंदू पक्ष ने सर्वे के आखिरी दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम फरीक ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
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