सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में ‘अरावणा’ और ‘अप्पम’ जैसे प्रसाद तैयार करने के लिए ‘हलाल’ गुड़ का इस्तेमाल करने के औचित्य पर तंत्री (मुख्य पुजारी) को हाईकोर्ट में तलब किया गया है.
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कोच्चिः केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) में सोमवार को एक याचिका दाखिल कर सबरीमला (Sabrimala) में भगवान अयप्पा मंदिर (Bhagwan Ayappa Temple) में ‘अरावणा’ (Arawana) और ‘अप्पम’ (Appam) जैसे प्रसाद (Prasaad) तैयार करने के लिए ‘हलाल’ गुड़ (Halaal Jaggery) का इस्तेमाल करने के औचित्य पर तंत्री (मुख्य पुजारी) की राय पूछी गई है. याचिकाकर्ता एस. जे. आर. कुमार ने याचिका दाखिल कर पुजारी की राय मांगने के लिए आवेदन किया. कुमार ने गुड़ और चावल से बने पायसम ‘अरावणा’ और मीठे चावल और गुड़ पर आधारित ‘अप्पम’ को तैयार करने के लिए हलाल प्रमाणित गुड़ खरीदे जाने की मुखालफत की है. यप्पा मंदिर में श्रद्धालुओं को ‘अरावणा’ और ‘अप्पम’ का प्रसाद दिया जाता है.
अरब देशों को निर्यात किया जाता है हलाल गुड़
अदालत ने कहा कि वह बुधवार को मामले पर विचार करेगी जब खाद्य सुरक्षा आयुक्त को 17 नवंबर के निर्देशानुसार याचिका पर जवाब दाखिल करना है. सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने 18 नवंबर को अदालत को बताया कि उसे जो गुड़ मिला उसकी पैकेजिंग पर ‘हलाल’ लिखा था. इस गुड़ को अरब देशों को निर्यात किया जाता है.
मंदिर प्रबंधन ने इल्जाम को पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद बताया
टीडीबी ने अदालत से यह भी कहा कि ‘अप्पम’ और ‘अरावणा’ को बनाने में इस साल प्राप्त गुड़ की ताजा आपूर्ति का इस्तेमाल किया जा रहा है और सितंबर में जिस पुराने भंडार की जांच की गई थी और जो मानव उपयोग के लिए अनुचित पाया गया, उसे नीलामी में मवेशियों का भोजन बनाने के लिए त्रिशूर के सदर्न एग्रो टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया. बोर्ड ने कहा कि सबरीमला कर्म समिति के महा संयोजक होने का दावा करने वाले कुमार की याचिका में जो इल्जाम हैं, वे ‘पूरी तरह झूठ, बेबुनियाद हैं’. बोर्ड ने दावा किया कि सबरीमला में ‘अरावणा’ और ‘अप्पम’ की बिक्री रोकने से इसे बहुत वित्तीय नुकसान होगा.
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