ज़ी मीडिया से ख़ास बातचीत में डॉक्टर बंसल ने कुबूल किया कि वो हाथरस जाकर मुतास्सिर परिवार के घर में रही थीं लेकिन ना तो वो उनकी रिश्तेदार हैं और ना ही उनका किसी भी तरह से कोई नक्सल कनेक्शन है.
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जबलपुर: यूपी के हाथरस कांड का जबलपुर कनेक्शन सामने आया है. यूपी पुलिस की एसआईटी ने खुलासा किया है कि हाथरस कांड की आड़ में यूपी में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही थी. इसमें नक्सलियों से तअल्लुक रखने वाली जबलपुर की एक खातून मुतास्सिर के घर में मृतका की भाभी बनकर रही थी. मुतास्सिर परिवार के घर में 4 दिनों तक रही जिस खातून का नक्सली कनेक्शन बताया जा रहा है वो जबलपुर की रहने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल है. हालांकि उन्होंने नक्सली कनेक्शन से साफ इनकार किया.
राजकुमारी बंसल जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेहकमा में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. ज़ी मीडिया से ख़ास बातचीत में डॉक्टर बंसल ने कुबूल किया कि वो हाथरस जाकर मुतास्सिर परिवार के घर में रही थीं लेकिन ना तो वो उनकी रिश्तेदार हैं और ना ही उनका किसी भी तरह से कोई नक्सल कनेक्शन है.
डॉक्टर बंसल के मुताबिक वो बाकायदा छुट्टी लेकर 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक मुतास्सिर परिवार के घर में रही थीं. जहां उन्होंने परिवार को इक्तेसादी मदद भी दी. इसके पीछे उनका मकसद अपने समाज के पीड़ित परिवार को संबल देना था. डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने अपने तअल्लुकात नक्सलियों से होने का भी खंडन किया है और कहा है कि ऐसा फैलाने वालों के खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई भी करेंगी. फोन टैपिंग के मामले में उन्होंने कहा कि पुलिस की सायबर सेल में शिकायत करेंगी.
बता दें कि हाथरस कांड की चल रही जांच के बीच ये बातें सामने निकलकर आई थीं. महिला का कनेक्शन भीम आर्मी या किसी दूसरी तंज़ीम से तो नहीं हैं? यहां तक भी जांच की जा रही है कि कहीं उसका कनेक्शन किसी नक्सली तंज़ीम से तो नहीं था? एसआईटी की टीम अब जबलपुर में महिला के इस कनेक्शन की भी जांच कर रही है.
कोई भी राजनीतिक या सामाजिक डेलिगेशन आए, ये महिला परिवार के साथ मौजूद रही थी. डेलिगेशन में शामिल लोगों से बात करती थीं लेकिन जैसे ही इंतेज़ामिया ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए और पीड़िता के घर में रह रहे लोगों से परिवार के रिश्तों को लिस्ट में दर्ज की, वैसे ही डॉक्टर राजकुमारी बंसल वहां से गायब हो गईं, जिसके बाद सवाल खडे़ हो रहे थे कि आखिर "वो कौन थीं"? हालांकि शिवराज हुकूमत में वज़ीर भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि पीड़ित परिवार के साथ रहने वाली खातून का नक्सली कनेशन है. मिनिस्टर ने कहा था कि ये मुल्क को तोड़ने की साज़िश चल रही है और ये उस साज़िश का हिस्सा लगता है. मुल्क को तोड़ने वाली साज़िश के साथ राहुल गांधी खड़े दिखते हैं. आने वाले दिनों में और भी तथ्य सामने आएंगे.
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