‘ब्लू टिक’ की चाह में CBI के इस पूर्व निदेशक की हो गई फजीहत; HC ने लगा दिया जुर्माना
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‘ब्लू टिक’ की चाह में CBI के इस पूर्व निदेशक की हो गई फजीहत; HC ने लगा दिया जुर्माना

Blue Tick on Twitter: सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ‘ब्लू टिक’ हटाए जाने को चुनौती देने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन कोर्ट ने राव पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. 

M Nageswara Rao

नई दिल्लीः ट्विटर और फेसबुक पर ब्लू टिक (Blue Tick on Twitter) मिलना आजकल इज्जत का सवाल और स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है. हर आदमी अपने प्रोफाइल में ब्लू टिक की हसरत इसलिए पाल रहा होता है कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भीड़ से अलग दिखे. कुछ लोग इसके लिए हाईकोर्ट तक चले जा रहे हैं और वह ऐसे छोटे-मोटे मामलों के लिए कोर्ट का कीमती वक्त भी खराब कर देते हैं. ऐसे ही एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव (CBI M Nageswara Rao) को फटकार लगाकर उनपर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. 

‘ब्लू टिक’ बहाल कराने के लिए पहुंचे थे हाईकोर्ट 
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के ट्विटर एकाउंट से ट्विटर द्वारा ‘ब्लू टिक’ हटाये जाने की कार्रवाई को चुनौती देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने राव पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया. जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि सात अप्रैल को भी अदालत ने राव को ‘वेरिफिकेशन टैग’ के लिए दोबारा आवेदन करने की आजादी देकर इस तरह की याचिका का निस्तारण किया था. अब याचिका में कहा गया है कि अदालत के हुक्म के मुताबिक उन्होंने दोबारा आवेदन किया, लेकिन आज तक ट्विटर ने ‘वेरिफिकेशन टैग’ को बहाल नहीं किया है जिसके बाद उन्होंने नई याचिका दाखिल की.

कोर्ट ने इस आधार पर खारिज की याचिका 
अदालत ने कहा कि इस बात को समझना चाहिए कि ट्विटर को आवेदन पर फैसले के लिए वक्त तो लगेगा. अदालत ने कहा कि  ‘याचिका को खारिज किया जाता है और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. अपनी याचिका में राव ने केंद्र को मंत्रालय के अंदर एक या एक से ज्यादा अनुपालन और शिकायत अधिकारियों को नामित करने या विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, एफबी, इंस्टाग्राम आदि के यूजर्स की शिकायतों का निपटारा करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. 

Zee Salaam

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