No-1 ZEE SALAAM: 78 फ़ीसद Viewership के साथ ज़ी सलाम की बादशाहत बरक़रार, भरोसे के लिए शुक्रिया
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No-1 ZEE SALAAM: 78 फ़ीसद Viewership के साथ ज़ी सलाम की बादशाहत बरक़रार, भरोसे के लिए शुक्रिया

ज़ी सलाम एक दशक से उर्दू दुनिया में अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए जाना और पहचाना जाता है. 78 फ़ीसद मार्केट शेयर के साथ उर्दू चैनल्स की फ़ेहरिस्त में नम्बर-1 है. 

No-1 ZEE SALAAM: 78 फ़ीसद Viewership के साथ ज़ी सलाम की बादशाहत बरक़रार, भरोसे के लिए शुक्रिया

जी सलाम के दर्शकों ने एक बार फिर जी सलाम की सच्ची पत्रकारिता पर भरोसे की मुहर लगा दी है. एक लंबे अरसे के बाद आई टीआरपी (TRP) में ज़ी सलाम ने उर्दू जोनर के चैनलों में 78 फीसद से भी ज्यादा के शेयर के साथ मार्केट में बादशाहत कायम रखी हुई है. उर्दू जोनर में मौजूद बाकी चैनल्स महज़ 23 फीसद से भी कम में सिमट कर रह गए हैं. ज़ी सलाम पर इतना यकीन और भरोसा जताने के लिए चैनल की पूरी टीम अपने दर्शकों का शुक्रिया अदा कर रही है.

ज़ी सलाम एक दशक से उर्दू दुनिया में अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए जाना और पहचाना जाता है. 78 फ़ीसद मार्केट शेयर के साथ उर्दू चैनल्स की फ़ेहरिस्त में नम्बर-1 है. सच्चाई और साफ़गोई के साथ ख़बरों का सच समाने लाना ज़ी सलाम का मक़सद है, पिछले कुछ वर्षों से यह बात कही जा रही है कि मीडिया में अब आम लोगों की बात नहीं होती, साथ ही ये भी कहा जाता है कि हमारे देश की हिफ़ाज़त करने वाले जवानों के मुद्दों पर कोई नज़र नहीं डालता, जवान सरहदों पर रहते हैं और उनके घरवाले अपने बुनियादी कामों से लिए इधर उधर भटकते हैं, बच्चों का एडमिशन हो या फिर घर में बिजली पानी का कनेक्श हो ऐसे तमाम वो बुनियादी मसले हैं जिन पर जवानों के घरवालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, साथ ही जो जवान सरहद पर शहीद हो जाते हैं उनकी शहादत के चंद रोज़ बाद उनके घरवालों को भुला दिया जाता है, ऐसे ही मसले को उठाने और वतनपरस्ती का जज़्बा पैदा करने के लिए ज़ी सलाम हर इतवार रात 8 बजे से अपनी ख़ास पेशकश "जय हिंद जनाब" लेकर आया है.

हमें जिंदगी से भी प्यारा है यह वतन: इरफान शेख
मुल्क है तो हम हैं इसी फ़लसफ़े के साथ हम ये वीकली प्रोग्राम लेकर आए हैं. ज़ी सलाम के एडिटर इरफ़ान शेख़ कहते हैं कि "वतन हमें बहुत अज़ीज़ है. अपनी ज़िदंगी से भी ज़्यादा प्यारा है. मुल्क की ख़िदमत का हौसला है, हिम्मत है, जज़्बा है, दुश्मनों से टकरा जाने की बाजुओं में ताक़त है. हम अपनी इस ख़ास पेशकश के ज़रिए उन शहीदों, वीरों और जांबाज़ों को ख़िराज पेश करेंगे जिन्होंने देश की निगहबानी के लिए अपने ख़ून का नज़राना पेश किया. सरहद के मुहाफ़िज़ों के अलावा हम उन हस्तियों और शख़्सियतों की ख़िदमात को भी सामने लाएंगे. जिन्होंने मुल्क की तरक़्क़ी में अपना किरदार अदा किया है."

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"जिंदगी का मकसद है जयहिंद जनाब"
ज़ी सलाम ऐसे तमाम लोगों को सलाम करता है और उनकी क़द्र करता है. हम ऐसे लोगों की हिम्मत अज़फ़ाई और हौसला अफ़ज़ाई करते रहेंगे. ज़ी सलाम के एडिटर इरफ़ान शेख़ के मुताबिक़  "हम ये सोचते हैं कि अगर हम इस काम को नहीं करेंगे तो कौन करेगा, क्योंकि वक़्त की सबसे बड़ी ज़रुरत यही है, मुल्क की तामीर, तरक़्क़ी और तब्दीली के लिए हम हर मुम्किन काम को अंजाम देंगे. हम कोशिश करेंगे कि अवाम के ज़ेहनों में ये बात घर कर जाए कि हमारा हर क़दम मुल्क की ख़ुशहाली, बहाली और तरक़्क़ी के लिए उठे, क्योंकि मुल्क है तो हम हैं. इसीलिए हमारा नारा भी यही और ज़िंदगी का मक़सद भी यही है". जयहिंद जनाब 

आप भी दे सकते हैं अपनी शिकायत
इसके अलावा ज़ी सलाम के दरवाज़े हर आम इंसान के लिए खुले हुए हैं, यहां आप अपनी शिकायतें दे सकते हैं, हम हर हफ्ते शनिवार को स्पेशल शो "कोई सताए हमें बताएं" में आम जनता से जुड़े मसायल को उठाते हैं. अगर आप भी किसी मसले से परेशान हैं तो हमें अपनी शिकायत दे सकते हैं. इसके लिए आपको हमारी वेबाइट पर मौजूद Virtual FIR पर जाकर कुछ जरूरी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा आप यहां क्लिक कर सकते हैं और अपनी शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं.

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