मनू भंडारी की रचना 'त्रिशंकु' पढ़ने पर पता चलता है कि वह किस ख्याल की थीं. इस रचना में उन्होंने अपने घर के लोगों पर कटाक्ष किया है.
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नई दिल्ली: हिंदी साहित्य की मशहूर लेखिका मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari) का सोमवार को निधन हो गया. वह 90 वर्ष की थीं. उनकी रचनाएं‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ बहुत मशहूर हैं.
मन्नू भंडारी का जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल, 1939 को हुआ था. मन्नू भंडारी सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं. उनके माता-पिता ने उन्हें महेंद्र कुमारी नाम दिया था. लेकिन लिखने पढ़ने वाले पेशे में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर मन्नू कर दिया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज में मन्नू भंडारी ने लंबे समय तक पढ़ाने का काम भी किया.
मन्नू भंडारी की किताबों पर फिल्में भी बनी हैं. उनकी कहानी ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ फिल्म बनाई गई. बासु चैटर्जी ने इस फिल्म को बनाया था. ‘आपका बंटी’ उनकी मशहूर रचनाओं में से एक है.
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मनू भंडारी की रचना 'त्रिशंकु' पढ़ने पर पता चलता है कि वह किस ख्याल की थीं. इस रचना में उन्होंने अपने घर के लोगों पर कटाक्ष किया है. उन्होंने इस रचना के बहाने उस समाज पर चोट की है जो आधुनिक होने का दम भरते हैं. जो महिलाओं की आजादी के हक में हैं, लेकिन जब महिला वाकई आजाद होकर अपने फैसले अपने आप से करने लगती है तो वह आधुनिक सोच वाले लोग उस महिला पर पाबंदियां लगाना शुरू कर देते हैं.
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