Jammu and kashmir: गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर की दो कमेटी जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) और अवामी एक्शन कमेटी को बैन कर दिया है. इस फैसले पर अब वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने भी सहमति जाहिर की है. जानें क्या है वजह..
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Jammu and kashmir: गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को ऐलान कर जम्मू-कश्मीर की दो कमेटी जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) और अवामी एक्शन कमेटी पर बैन कर दिया है. उनका कहना था कि यहां कमेटी शहर में यमन और शांति को भंग कर रही है.
गृह मंत्रालय के इस पर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने भी सहमति जताई है. दरख्शां अंद्राबी ने सपोर्ट करते हुए कहा, " मैं गृह मंत्रालय के इस फैसले से बहुत खुश है. हम अपने शहर या इलाके में किसी भी ऐसी कमेटी को नहीं चाहते , जो अमन या शांति को खराब करे. बीते 2-5 सालों से आवाम सुकून की सांस ले रही है. "
साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "मैं चाहती हुं कि ऐसी और भी कमेटी को बैन कर दिया जाए, जो जम्मू-कश्मीर में शांति और खुशहाली को खत्म कर रही है."
पांच सालों के लिए बैन किया है
गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को ऐलान कर इन कमेटी पर बैन लगा दिया है. इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) और अवामी एक्शन कमेटी पर देश की संप्रभुती, एकता और सुरक्षा को खतरा पहुचाने वाले गतिविधियों में शामिल होने का इल्जाम लगाया है. फिलहाल यह दो कमेटी को पांच सालों के लिए बैन किया गया है.
गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जमा कर रहे थे फंड
गृह मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल नोटिश में बताया कि अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष उमर फारूक और इत्तिहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष मसूर अब्बास खान को आतंकी गतिविधियों को सपोर्ट करने और देश में भारत विरोधी प्रचार फैलाने में शामिल रहे हैं. साथ ही यह भी बताया है कि यह कमेटी शहर में अलगाववादी और आतंकवादी कार्रवाइयों सहित गैरकानूनी गतिविधियों को आसानी से कामयाब करने के लिए फंड जमा कर रही हैं.
अमित शाह ने भी की टिप्पणी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "जम्मू और कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन और 'अवामी एक्शन कमेटी' को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. ये कमेटी लोगों को कानून और व्यवस्था के खिलाफ होने के उकसाते पाए गए है. जिससे भारत की एकता और अखंडता को ख़तरा पैदा हुआ. देश की शांति या अमन खराब करने वाले किसी भी कमेटी या व्यकित को मोदी सरकार के कड़े प्रहार का सामना करना पड़ेगा.