वज़ारते दाखिला ने रियासती हुकूमत, मरकज़ के ज़ेरे इंतेज़ाम सूबे (UT) के दफ्तर और गवर्नरों को एडवाज़री भेजी है. एडवाइज़री इस साल इजतेमाई तकरीब नहीं मुनाक्किद करने की सलाह दी है
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते बड़े-बड़े त्योहार और प्रोग्राम की रौनक खत्म हो गई है. अगले माह आने वाले यौमे आज़ादी के मौके पर भी इस साल कोई खासी रौनक देखने को नहीं मिलेगी. इससे मुतअल्लिक मरकज़ी वज़ारते दाखिला ने एडवाडइज़री जारी की है.
वज़ारते दाखिला ने रियासती हुकूमत, मरकज़ के ज़ेरे इंतेज़ाम सूबे (UT) के दफ्तर और गवर्नरों को एडवाज़री भेजी है. एडवाइज़री इस साल इजतेमाई तकरीब नहीं मुनाक्किद करने की सलाह दी है और यौमे आज़ादी मनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को कहा गया है.
इसके अलावा रियासती हुकूमतों यह भी सलाह दी गई है कि डॉक्टरों, हेल्थ वर्कर्स और सफाई मुलाज़िमीन को यौमे आज़ादी के प्रोग्राम में उनकी खिदमत के लिए ऐज़ाज़ देने के लिए मदऊ (आमंत्रित) किया जाए. जो लोग कोरोना होने के बाद ठीक हो चुके हैं, उन्हें भी कार्यक्रम में बुलाया जाए.
गाइडलाइंस के मुताबिक मास्क लगाना, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल लाज़मी होगा. यौमे आज़ादी पर भीड़ इकट्ठा ना हो, इसका ख्याल रखना होगा. इसके अलावा मरकज़ी वज़ारते सेहत के ज़रिए पहले से जारी हिदायात पर अमल करना भी जरूरी होगा.