परिवार को अस्पताल दर अस्पताल जिरह करते हुए सुबह से शाम का वक्त गुज़र गया. इसी बीच बीमार खातून की तबियत और बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई.
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नोएडा: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरा मुल्क, इंतेज़ामिया और मेहकमा सेहत की जानिब देख रहा है. इसी बीच नोएडा से एक ऐसा मामला आया है, जो मेहकमा सेहत से यकीन ही उठा देने वाला है. यहां 8 महीने की हामला खातून को उसके परिवार वाले सुबह से शाम तक लेकर घूमते रहे लेकिन उसे अस्पताल नसीब नहीं हुआ. आखिरकार खातून ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार के साथ ये दर्दनाक वारदात घटी है. परिवार में 8 महीने की हामला खातून की तबीयत जब अचानक बिगड़ी तो परिवार वाले उसे लेकर अस्पताल में दाखिल कराने के लिए निकले. परिवार वाले बीमार खातून को लेकर सुबह ही एंबुलेंस से निकले लेकिन उन्हें कोई अस्पताल दाखिल करने को तैयार नहीं था. परिवार को अस्पताल दर अस्पताल जिरह करते हुए सुबह से शाम का वक्त गुज़र गया. इसी बीच बीमार खातून की तबियत और बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई.
खातून के परिवार वालों का कहना है कि वे खातून को नोएडा के करीब 6 अस्पतालों में ले गए लेकिन किसी ने भी उनकी हालत देखकर भी भर्ती नहीं किया. खातून की तबियत बिगड़ती रही और आखिर में उसने दम तोड़ दिया. वे 8 महीने की हामला थीं. हादसे में पेट में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई.
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