कोरोना के इस खौफनाक वायरस से कैसे लड़ीं अनिथा..जानिए पूरी कहानी
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कोरोना के इस खौफनाक वायरस से कैसे लड़ीं अनिथा..जानिए पूरी कहानी

अनिथा ने बताया कि कोरोना से डरने नहीं, बल्की सरकारी हिदायत पर अमल करने की जरूरत है

कोरोना के इस खौफनाक वायरस से कैसे लड़ीं अनिथा..जानिए पूरी कहानी

पटना : कोरोना वायरस के असर से बचने के लिए हिंदुस्तान लॉकडाउन है. इस खतरनाक वायरस के असर को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है.हम आपको बताते हैं ऐसे लोगों की कहानी जो इस खौफनाक वायरस से लड़कर वापस आए.45 साला अनीथा विनोद अपने कुनबे के साथ पटना के दीघा इलाके के एक अपार्टमेंट में रहती हैं.अनीथा विनोद अपने शौहर के साथ दो मार्च को नेपाल गयी थीं और आठ मार्च को वापस आयीं थीं

उस दौरान हिंदुस्तान में  कोरोना का ज्यादा इन्फेक्शन का दौर नहीं शुरू हुआ था, लेकिन चीन के बाद इटली में कोरोना में तबाही शुरू हो गयी थी. इसी बीच अनिथा का बड़ा बेटा इटली से पांच मार्च को पटना वापस आया था. अनीथा के बेटे की रोम और दिल्ली एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हुई, लेकिन दोनों जगह उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी.

अनिथा ने बताया कि जब उनका बेटा पटना आया, तो यहां आरएमआरआई में भी उसका टेस्ट हुआ, जिसमें उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई.बावजूद उसके एहतियात के लिए वो 14 दिन आइसोलेशन में भी रहा.अनीथा की पेरशानी यहीं खत्म नहीं हुई थी.इस बीच 16 को अनीता के शौहर विनोद वेंकेंटरमन छोटे बेटे के साथ मोतिहारी गये थे. उसी दिन उन्हें हल्का जुकाम और बुखार हो गया, जिसके बाद 18 मार्च को खांसी आने लगी और बुखार भी तेज हो गया. इसके बाद बड़े बेटे के साथ अनिथा एम्स पहुंची, जहां दोनों की स्क्रीनिंग हुई, जिसके बाद अनीता को एडमिट कर लिया गया.

कोरोना मुश्तबा को तौर पर एम्स में एडमिट हुई अनिथा की रिपोर्ट 22 मार्च को आयी, जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पायीं गयीं. उसी दिन मुल्क में आवामी कर्फ्यू भी लागू था...पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अनिथा को एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया और इलाज शुरू हो गया.

अनीता कहती हैं कि जब हमारी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, तो मैं घबराई नहीं, बल्कि मुझे लगता था कि हम ठीक हो जाएंगे. इसके बाद हमने डॉक्टर जो कहते थे, वैसे ही दवाई खाना शुरू किया और खुद को पॉजिटिव रखा. 25 मार्च को दुबारा जांच हुई, जिसमें हमारी रिपोर्ट निगेटिव आयी.अनिथा की 30 मार्च जो जब दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आयी, तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गयी. डिस्चार्ज करते वक्त डॉक्टरों ने अनिथा को 14 दिन के कोरेंटाइन में रहने की हिदायत दी थी.

अनिथा के शौहर टेक्सटाइल इंजीनियर हैं और बाइबिल के टीचर भी हैं. साथ ही अनिथा बी. फार्मा हैं. उनका बड़ा बेटा इटली में रहता है, तो छोटा बेटा पटना में रहकर पढ़ाई कर रहा है. अनिथा ने बताया कि कोरोना से डरने नहीं, बल्की सरकारी हिदायत पर अमल करने की जरूरत है.पॉजिटिव माइंडसेट से रहनेवाली अनिथा ने कोरोना को शिकस्त दी और अब अपने परिवार के साथ होम कोरेंटाइन हैं, उनकी बातों से साफ है कि अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं और हिम्मत नहीं हारते हैं, तो आपको ये वायरस शिकस्त नहीं दे पायेगा, बल्की आप उसको मात दे देंगे, जिसकी मिसाल खुद अनिथा हैं.

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