Islamic Knowledge: अक्सर देखा गया है कि लोग कई वजहों से देर में शादी करते हैं. अगर किसी शख्स का करियर नहीं बना है, तो वह शादी नहीं करता है. इसी तरह से अगर किसी को मन मुताबिक खूबसूरत बीवी नहीं मिलती है तो वह भी शादी नहीं करते हैं. इसी तरह का मामला अब लड़कियों के साथ भी होने लगा है. लड़कियां भी करियर बनाने और खूबसूरत लड़का न मिलने की सूरत में देर में शादी कर रही हैं. लेकिन इस्लाम में कहा गया है कि अगर आप निकाह की जिम्मेदारियों को उठाने के लायक हो गए हो तो शादी कर लें.


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शादी पर हदीस
शादी के बारे में प्रोफेट मोहम्मद स. ने कहा है कि "ऐ नौजवानों! तुममें से जो कोई निकाह की जिम्मेदारियां उठाने की सकत रखता हो उसे शादी कर लेनी चाहिए. क्योकि शादी निगाहों नीचा रखती है, जिंसी ख्वाहिशों को बेलगाम नहीं होने देती, और जो निकाह की जिम्मेदारियां उठाने की सकत नहीं रखता, वह रोजा रखे, इसलिए कि रोजा जिंसी ख्वाहिशों को बस में रखने में मददगार होता है." (बुखारी, मुस्लिम)


इसलिए शादी में देरी न करें
इस्लाम में बताया गया है कि खूबसूरत लड़की को ढूंढने के चक्कर में शादी न करना दुरूस्त नहीं. कोशिश करें कि जो औरत नेक हो उससे शादी कर लें. अगर कोई औरत मालदार हो, उसका खानदान शरीफ हो, वह खूबसूरत हो और नेक भी हो तो उससे शादी करना बहुत अच्छा है. लेकिन अगर कोई औरत सिर्फ मालदार है और खूबसूरत है लेकिन नेक नहीं है ऐसे में उस औरत से शादी करना दुरुस्त नहीं.


लड़की पर हदीस
एक हदीस में प्रोफेट मोहम्मद स. ने फरमाया है कि औरत के जाहिरी रंग-रूप और खूबसूरती की वजह से शादी न करो; हो सकता है कि उनका हुस्न और उनकी खूबसूरती उनको तबाह कर दे (और अच्छी बीवी न बनें, खूबसूरती के घमंड में फंस कर रह जाएं). माल दौलत की बुनियाद पर भी औरतों से शादी न करो; हो सकता है, उनका माल उन्हें सरकशी और बगावत में डाल दे बल्कि दीनदारी और शराफत की बुनियाद पर उनसे शादी करो. काली रंगतवाली दीनदार लौडी (गोरी और खानदानी औरत के मुकाबले में) बेहतर है. (अल-मुन्तका)