जेवर खरीदने से पहले आप जेवर पर लगे हॉलमार्क जरूर देखें. हॉलमार्क वाले सोने की खासियत यह है कि इस पर कितने कैरेट का सोना है वह लिखा रहता है.
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नई दिल्ली: धनतेरस के मौके पर पूरे देश में लोग नया समान खरीदते हैं. मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से पूरे साल बरकत रहती है. इस मौके पर सोने की सबसे ज्यादा खरीददारी होती है. लेकिन अक्सर लोग कंफ्यूज होते हैं कि असली सोना कैसे खरीदा जाए. कैसे कम पैसे मैं अच्छा सोना खरीदा जाए. ऐसे में कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है.
अगर आप मार्केट में सोन खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि 24 कैरेट का सोना असली सोना माना जाता है. लेकिन 24 कैरेट के सोने का अभूषण या जेवर नहीं बनता. ज्यादातर जेवर 22 कैरेट या 18 कैरेट के सोने के बनते हैं.
इसके बाद आपको यह भी देखने की जरूरत है कि मार्केट में किस कैरेट के सोने का रेट क्या है. अगर आपको हर दिन का मार्केट रेट पता है तो आप आसानी से जेवर खरीद पाएंगे.
जेवर खरीदने से पहले आप जेवर पर लगे हॉलमार्क जरूर देखें. हॉलमार्क वाले सोने की खासियत यह है कि इस पर कितने कैरेट का सोना है वह लिखा रहता है. सरकार की तरफ जारी एक सूचना के मुताबिक देश के सभी ज्वैलर्स को सोने की ज्वैलरी बेचने के लिए वीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करना होगा. ये मानक 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट होता है.
हर जेवर पर एक मोहर होती है. इस मोहर पर नंबर होता है जिससे सोने की शुद्धता की पहचान होती है. 22 कैरेट सोने के लिए 916 नंबर लिखा रहता है, 18 कैरेट सोने के लिए 750 नंबर लिखा रहता है, 14 कैरेट सोने के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है.
यह गौरतलब है कि हालमर्क में दिए गए नंबर के जरिए आप सोने की शुद्धता माप सकते हैं. जैसे अगर हालमार्क में दिया गया नंबर 916 है तो आपके गहने की शुद्धता 91.6 है. इसी के साथ अगर आपके हालमार्क में 750 लिखा है मतलब आपके सोने की शुद्धता 75 फीसद है. अगर आपकी ज्वैलरी पर 375 लिखा हुआ है इसका मतलब आपकी ज्वैलरी की शुद्धता 35.5 फीसद है. जेवर में बाकी बचे प्रतिशत मिलावट होती है. जिसको जेवर में मजबूती देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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