नई दिल्ली. इस वक्त मुल्क भर में कोरोना का इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. ऐसे वक्त में लोगों के लिए इस वबा से महफूज और सेहतमंद रहना एक बड़ा मसला है. जहां तक मुमकिन हो एहतियात बरतना लाजिमी है क्योंकि इससे होने वाली मौतों की शरह निहायत ही खौफनाक होती जा रही है. एक तरफ जहां लोग इस वबा से महफूज रहने के तरीके ढूंढ रहे हैं वही इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों के सामने बीमारी के बाद की अलामतों से निपटना और उसे समझना भी एक बड़ा मसला बनकर सामने आ रहा है. मरीज पोस्ट कोविड की अलामतों को किस तरह देखें और उसके लिए कौन से एहतियाती कदम उठाएं, इसपर माहिरीन का नजरिया जानना काफी कारगर साबित होगा. 


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डॉक्टर्स कोरोना से ठीक हुए मरीजों को दो हिस्से में बांटते हैं. एक वह मरीज जिनमें हल्के-फुल्के अलामत नजर आए थे और वह घर पर ही ठीक हो गए हैं. दूसरे जुमरे के वह मरीज हैं जिनकी हालत शदीद थी और उन्हें अस्पताल में दाखिल होना पड़ा था. उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था और ठीक होने के बाद भी उन्हें ज्यादा तकलीफें महसूस हो रही हैं. डॉक्टर्स की राय में दोनों तरह के मरीजों को अलहदा तरीके से अपनी देखभाल करने की जरूरत है. 


माइल्ड कोविड मरीज ठीक होने पर क्या करें 
ऐसे मरीजों को डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि वह अपने खान-पान पर खास ध्यान दें. उन्हें ठंडी तासीर वाली चीजों से परहेज करनी चाहिए. बासी और खट्टी चीचें भी उन्हें नहीं खानी चाहिए. इसके साथ ही उन्हें दाल, पनीर, चिकेन, मछली, अंडे जैसी हाई प्रोटीन वाली चीजें खानी चाहिए. ताजा फलों का इस्तेमाल भी उनके लिए काफी मुफीद साबित होगा. रोजाना आधे घंटे उन्हें योग, ध्यान और प्राणायाम जैसे एक्सरसाइज करना चाहिए. उनके लिए रोजाना आधे घंटे सुबह की धूप सेंकना भी काफी फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इससे उनके जिस्म में विटामिन-डी की कमी नहीं होगी. ऐसी मरीजों को रोजाना कुछ देर गहरी सांस लेनी और छोड़नी चाहिए. ऐसे मरीजों को अगर डायबिटीज की बीमारी हो तो उन्हें मुसलसल इसपर नजर रखनी है और इसे काबू में रखना है.


हिम्मत से काम लें शदीद कोरोना मरीज
छाती रोग के माहिर डॉक्टर आनंद कुमार कहते हैं, ’’शदीद तौर पर कोविड इंफेक्शन की चपेट में आने वाले मरीज जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो और वह ऑक्सीजन पर रहे हों और घर वापस आने के बाद भी उनका ऑक्सीजन लेवल कम रहता हो, ऐसे मरीजों को हिम्मत से काम लेना है। उन्हें यह उम्मीद रखनी है कि वह एक दिन जरूर सेहतयाब होंगे.’’डॉ. आनंद कहते हैं कि सीरियस मरीजों का ऑक्सीजन लेवल मामूल पर आने में थोड़ा वक्त लग सकता है. कई बाद ऐसे मरीजों को बिल्कुल फिट होने में महीने भर का वक्त भी लग जाता है. अगर उन्हें अस्पताल से आने के बाद भी ऑक्सीजन या कॉन्सेंट्रेटर मशीन लगा हो और उनका ऑक्सीजन लेवल 94 से कम 90 तक रहता हो तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.    
 
आहिस्ता-आहिस्ता कम करें ऑक्सीजन सपोर्ट 
डॉक्टर्स कहते हैं कि जो मरीज अस्पताल से आने के बाद भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों उन्हें आहिस्ता-आहिस्ता ऑक्सीजन सपोर्ट को कम करना है. कुछ वक्फे के दरमियान उन्हें अपना ऑक्सीजन हटाकर लंबी-लंबी सांसे लेनी चाहिए. उन्हें पेट के बल बिस्तर पर लेटकर छाती और पांव के नीचे तकिया लगाकर सोना चाहिए इससे फेफडे़ में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है. 


हेल्दी खाना है बेहद जरूरी 
माहिरीन कहते हैं, कोरोना के शदीद मरीजों को भी हाई प्रोटीन वाली चीचें खानी चाहिए. ठंडी चीजों से उन्हें भी परहेज करनी है. हरी सब्जियां और ताजा फल लेना उनके लिए भी मुफीद है. मरीज अगर चलने-फिरने के काबिल है तो उसके लिए भी योगा और विटामिन डी के लिए सुबह की धूप में बैठना फायदेमंद होगा.  


पुरानी बीमारियों की निगरानी बेहद जरूरी
डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर मरीजों को पहले से डायबिटीज, किडनी, हार्ट, कैंसर जैसी कोई शदीद बीमारी हो तो ऐसे मरीजों को कोविड से उबरने के बाद भी डॉक्टर्स की देखरेख में रहना होगा। ऐसे मरीजों को अपनी तरफ या किसी ऐसे व्यक्ति की सलाह बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए जो डॉक्टर नहीं हैं.


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