Precaution: ये तरीके अपनाएंगे तो आपके साथ कभी नहीं हो पाएगा कोई डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड
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Precaution: ये तरीके अपनाएंगे तो आपके साथ कभी नहीं हो पाएगा कोई डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड

एसबीआई (State Bank of India )ने ग्राहकों के लिए परामर्श जारी कर कहा, हमेशा याद रखें कि बैंक कभी भी आपका उपयोगकर्ता आईडी/पासवर्ड/कार्ड नंबर/पिन/पासवर्ड/सीवीवी/ओटीपी नहीं मांगता है.
 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः सार्वजानिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी के जाल में फंसने से बचाने के लिए परामर्श जारी किया है. एसबीआई ने सोमवार को कहा कि ग्राहकों को अपने ‘पासवर्ड’ को कभी भी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए. साथ ही निजी जानकारी के संचयन से बचने के लिए अपने मोबाइल या उपकरणों में ’ऑटो सेव’ और ’रिमेंबर’ जैसे विकल्पों को बंद रखना चाहिए.

अनूठे और मुश्किल पासवर्ड का उपयोग करने की सलाह 
एसबीआई ने अपने डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित रखने को ग्राहकों के लिए एक व्यापक डिजिटल सुरक्षा दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ग्राहकों को अपने डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल लेनदेन, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और सोशल मीडिया सुरक्षा के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए. सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक ने लॉगइन से संबंधित सुरक्षा के लिए ग्राहकों से अनूठे और मुश्किल पासवर्ड का उपयोग करने के साथ बार-बार पासवर्ड बदलने की सलाह दी है.

याद कर लें ये नियम 
बैंक ने कहा, ‘‘कभी भी अपनी उपयोगकर्ता आईडी, पासवर्ड या पिन को साझा या कहीं न लिखें. हमेशा याद रखें कि बैंक कभी भी आपका उपयोगकर्ता आईडी/पासवर्ड/कार्ड नंबर/पिन/पासवर्ड/सीवीवी/ओटीपी नहीं मांगता है.

अलग - अलग रखें मोबाइल पिन और यूपीआई पिन
इसके अलावा यूपीआई लेनदेन संबंधी सुरक्षा के संबंध में बैंक ने ग्राहकों को अपने मोबाइल पिन और यूपीआई पिन को अलग और इस तरह से रखने की सलाह दी है जिसका अनुमान न लगाया जा सके. एसबीआई ने कहा कि अगर कोई लेने-देन बिना ग्राहक की जानकारी में हुआ है, तो उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक खाते में यूपीआई संबंधित सेवाओं को तुरंत बंद देना चाहिए.

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