सर्वे में सिगरेट पीने की बजाय वेपिंग को महफूज बताया है लेकिन इसके साथ यह भी कहा गया है कि इसके लांग टर्म असरात का पता लगाने के लिए ज्यादा सबूतों की जरूरत है
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नई दिल्ली: अगर आप स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं तो आपके लिए ये अच्छी खबर है. दरअसल, स्मोकिंग छोड़ने के कई तरीकों पर सर्वे किया गया है और उसमें इसे छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका सामने आया है. बुध को एक एविडेंस बेस्ड रिव्यू से पता चला है कि वेपोराइजर (Vapes) स्मोकिंग छोड़ने वालों के लिए ज़्यादा असरदार हैं.
वेपोराइजर से मतलब ई-सिगरेट जैसे डिवाइस से है, जिसके ज़रिए निकोटीन (Nicotine) या गैर-निकोटीन चीज़ों को भाप के ज़रिए लिया जाता है, इसमें आम सिगरेट की तरह धुआं नहीं निकलता है लेकिन E-Cigarette का इस्तेमाल करने वाले को धूम्रपान करने जैसा ही महसूस होता है.
सर्वे में सिगरेट पीने की बजाय वेपिंग को महफूज बताया है लेकिन इसके साथ यह भी कहा गया है कि इसके लांग टर्म असरात का पता लगाने के लिए ज्यादा सबूतों की जरूरत है.
इसलिए है कारगर
पॉलिसी बनाने में साइंटिफिक रिसर्च के ज़रिए मदद करने वाले सर्वे ऑर्गेनाइजेशन Cochrane के ज़रिए किए गे सर्वे में दुनिया भर की 50 Studies को ध्यान में रखा गया. इसमें पाया गया कि वेपिंग से स्मोकिंग करने वालों की तादाद को कम करने में मदद मिली है. सभी जानते हैं कि स्मोकिंग फेफड़ों के कैंसर, दिल की बीमारी समेत कई बीमारियों को दावत देता है, लिहाजा लोगों का स्मोकिंग छोड़ना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इस सर्वे की क़यादत करने वालों में से एक जेमी हार्टमेन-बॉयस ने बताया, 'अब सबूत सामने है कि निकोटीन के साथ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का इस्तेमाल करना निकोटीन वाली च्विंगम वगैरा के इस्तेमाल की बजाय बेहतर है. ई-सिगरेट से कामयाबी के साथ स्मोकिंग छोड़ने के इमकानात ज्यादा है.'
उठ चुके हैं सवाल
वेपिंग से फेंफड़ों को नुकसान पहुंचने की वजह गुज़िश्ता साल अमेरिका में इसपर सवाल खड़े किए गए. जिसके बाद पूरे मुल्क में इस पर पाबंदी लगा दी गई थी. हालांकि Cochrane ने दावा किया है कि उन्हें निकोटीन युक्त ई-सिगरेट से संगीन नुकसान होने का कोई साफ सबूत नहीं मिला है. फेंफड़ों को नुकसान विटामिन ई एसीटेट की वजह से भी हो सकता है, जिसका इस्तेमाल मारिजुआना वेप्स में किया जाता है.
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