लाउडस्पीकर द्वारा मस्जिदों से आने वाली तेज़ आवाज़ पर मचे कोहराम के बाद IG प्रयागराज रेंज ने एस अहम फ़रमान जारी किया है.
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प्रयागराज: आईजी प्रयागराज रेंज के पी सिंह ने रेंज के चारों जिलों के डीएम और एसएसपी को एक पत्र भेजा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि पॉल्यूशन एक्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट एक्ट की हिदायतों पर सख़्ती से अमल किया जाए.
इन हिदायतों के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह से लाउडस्पीकर बजाने या दिगर किसी पब्लिक एड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर पाबंदी रहेगी.
पॉल्यूशन एक्ट क्या कहता है:
IG के मुताबिक, पॉल्यूशन एक्ट में भी कहा गया है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकता है. हालांकि, शादी या बंद कमरे में पार्टी जैसे दिगर परुगरामों के लिए निश्चित वॉल्यूम में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी जा सकती है.
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अधिकारी नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे
आईजी के पी सिंह ने अपने पत्र में कहा कि डीएम, एसएसपी और पॉल्यूशन बोर्ड के अधिकारी यह यकीनी बनाएं कि बगैर इजाज़त के कोई भी किसी पब्लिक एड्रेस सिस्टम या माइक से तेज आवाज में तय समय के अंदर कोई भी अनाउंसमेंट ना करे. इसके अलावा दिन में भी एक निश्चित वॉल्यूम में ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन रात में पूरी सख्ती से इसे रोका जाएगा.
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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad Univserity) की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने लाउडस्पीकर से होने वाली अजान एतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि अजान से उनकी नींद में खलल पड़ता है. इसको लेकर उन्होंने डीएम, कमिश्नर, आईजी और डीआईजी को खत लिखा था. इसके बाद से इस मामले पर बहस बाजी तेज हो गई थी.
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क्या कहा था इलाहाबाद हाई कोर्ट ने?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 6 मई 2020 में मस्जिद से अजान मामले में एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि लाउड स्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग नहीं है. हालांकि, यह जरूर है कि अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग है. इसलिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर के बगैर भी अजान दी जा सकती है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि ध्वनि प्रदूषण से आजाद नींद का अधिकार किसी भी आदमी के जीवन के बुनियादी हुकूक का हिस्सा है और किसी को भी इन बुनियादी हुकूक के उल्लंघन की आजादी नहीं है. उस दौरान कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि जिलाधिकारियों से इसका अनुपालन कराएं.
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