लॉक डाउन से बढ़ीं गरीबों की मुश्किलें कहा, कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे
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लॉक डाउन से बढ़ीं गरीबों की मुश्किलें कहा, कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे

कोरोना से मुल्क को बचाने के लिए वज़ीरे आज़म मोदी ने लॉक डाउन का फैसला लिया था जिससे सोशल डिस्टेंसिंग को खत्म किया जा सके और इसकी चैन को तोड़ा जा सके

लॉक डाउन से बढ़ीं गरीबों की मुश्किलें कहा, कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे

नई दिल्ली : कोरोना से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है.पूरा मुल्क लॉक डाउन है हालांकि लॉक डाउन के बीच दिल्ली में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की परेशानियां बढ़ गई हैं.उनका कहना है हम लोग गरीब हैं हमारे चार-पांच बच्चे हैं। हमें ना तो मजदूरी मिल रही है और ना ही खाना मिल रहा है ना पानी। हमारी मदद कीजिए। गाड़ी भिजवा दें तो घर चले जाएंगे। तो किसी ने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो हम लोग कोरोना बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे।

यूपी के इटावा से भी एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई .मुल्क भर में जारी लॉक डाउन के बीच आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे पर लोग सामान और बच्चों को समेत अपने गांव जाते हुए दिखाई दिए

महाराष्ट्र के शिवाजी नगर एरिया में भी लॉक डाउन की चलते बहुत से लोगों के काम करने, खाने-पीने और रहने की परेशानी खड़ी हो गई है।हालांकि कुछ लोकल लोगों ने ऐसे मजदूरों को खाना बांटा। लेकिन सभी मजदूरों के साथ ऐसा नहीं है किसी को मिला तो किसी को नहीं मिला तो ऐसे में वो पानी पीकर सो जाते हैं। बाहर जाते हैं तो पुलिस मारती है। रोजगार छिन गया है।

यूपी के चंदौली में तो 16 युवक ट्रैक पर चलकर ही बिहार जा रहे ते हालांकि ख़बर लगते ही पुलिस ने पकड़ लिया.दरअसल बिहार के समस्तीपुर और छपरा के रहने वाले 16 लोग केरल के कालीकट जिले में एक कंपनी में काम करते हैं,  कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद सभी युवक 21 मार्च को केरल से झांसी के लिए निकले थे,  23 मार्च को ट्रेन झांसी पहुंची और लॉक डाउन के कारण उसका संचालन रोक दिया गया. इसके बाद यह सभी 16 युवक 25 मार्च को वाराणसी पहुंचे. लेकिन यहां भी उन्हें मदद नहीं मिली. इसीलिए ये छुपते छिपाते रेलवे ट्रैक के सहारे अपने घर समस्तीपुर और छपरा जाने के लिए निकल पड़े.

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