Kanpur: काज़ी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार; शरिया कानून का दिया तर्क
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Kanpur: काज़ी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार; शरिया कानून का दिया तर्क

एक मामला कानपुर (Kanpur) से आया है जहां शादी में एक मामूली सी बात को लेकर शहर काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया.

Kanpur: काज़ी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार; शरिया कानून का दिया तर्क

नई दिल्ली: शादी में अकसर लोग आतिशबाज़ी कर के और डीजे बजा कर जश्न मनाते हैं. शादी ना सिर्फ़ दूल्हा और दुल्हन के लिए अहम पल होता है बल्कि यह उनके परिवारों के लिए भी खुशी का लम्हा होता है. लेकिन अगर कानून का हवाला देकर इस जश्न और निकाह को रोक दिया जाए तो कैसा हो? ऐसा एक मामला कानपुर (Kanpur) से आया है जहां शादी में एक मामूली सी बात को लेकर शहर काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया.

इसके पीछे उन्होंने शरिया कानून का तर्क दिया है, दरअसल शहर काज़ी के मुताबिक शादी में डीजे बज रहा था और आतिशबाज़ी हो रही थी जो कि शरिया के खिलाफ़ है. मामला इतना बढ़ गया कि दो घंटे हाई वोल्टेज डरामा चलने के बाद दूल्हे के परिवार ने माफ़ी मांगी साथ ही डीजे और आतिशबाज़ी बंद करनी पड़ी. जिसके बाद ही शहर-ए-काज़ी निकाह पढ़ाने के रज़ामंद हुए.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाक महल इलाके के एक कारोबारी के बेटे की शादी दो दिन पहले जाजमऊ इलाके में एक लड़की से होनी थी. बारात के साथ एक बैंड भी आया और खूब आतिशबाजी भी हुई. ज़राए के मुताबिक जब बारात विवाह स्थल पर पहुंची, तो डीजे-बैंड बजने लगा और आतिशबाजी होने लगी, जिससे शहर काजी मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी नाराज हो गए और उन्होंने शादी कराने से इनकार कर दिया.

जिसके बाद मामला परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तक पहुंच गया, जिन्होंने दूल्हे के परिवार और मेहमानों को जो डीजे संगीत पर नाच रहे थे माफी मांगने के लिए मजबूर कर दिया. काजी ने कहा, बैंड-डीजे और आतिशबाजी पैसे की बर्बादी के अलावा गैर-इस्लामिक हैं. उनके माफी मांगने के बाद, मैं निकाह करने के लिए तैयार हो गया. जहां भी ऐसी चीजें होती हैं, मैं वहां शादी नहीं कराउंगा.

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