फिनांशियल ईयर 2020-21 के बजट में यह इंतजाम किया गया है कि गुजिश्ता दो फिनांशियल ईयर में इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में सोर्स पर कर कटौती यानी टीडीएस और सोर्स पर कर संग्रह यानी टीसीएस ज्यादा दर से होगा.
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नई दिल्लीः वित्त अधिनियम, 2021 के मुताबिक 1 जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) नहीं भरने वालों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है. उनके ऊपर उच्च टीडीएस/टीसीएस दर लागू होगी यानी उन्हें टीडीएस/टीसीएस ज्यादा चुकाना पड़ेगा. दरअसल, आयकर विभाग ने टीडीएस काटने और टीसीएस जमा करने वालों के लिए एक नई व्यवस्था तैयार की है जिसके जरिए वैसे लोगों और आयकरदाताओं की पहचान हो सकेगी, जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से टैक्स वसूला जाएगा. फिनांशियल ईयर 2020-21 के बजट में यह इंतजाम किया गया है कि गुजिश्ता दो फिनांशियल ईयर में इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में सोर्स पर कर कटौती यानी टीडीएस और सोर्स पर कर संग्रह यानी टीसीएस ज्यादा दर से होगा, जिन पर दो सालों में हर एक साल में 50,000 रुपये या उससे ज्यादा टैक्स कटौती बनती है.
CBDT issues Circular No. 11 of 2021 dt 21.06.2021 on implementation of section 206AB & 206CCA wrt higher tax deduction/collection for certain non-filers. New functionality issued for compliance checks for sec 206AB & 206CCA to ease compliance burden of tax deductors/collectors. pic.twitter.com/1DP39BKVZi
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) June 21, 2021
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी की सर्कुलर
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती और संग्रह को लेकर धारा-206एबी अैर 206 सीसीए के अमल को लेकर सर्कुलर जारी किया. आयकर विभाग ने ट्वीट किया है कि धारा 206 एबी और 206 सीसीए के लिए नई व्यवस्था जारी की गई है. इससे वसाएल पर टैक्स काटने वाले और टीसीएस संग्रहकर्ता के लिए अनुपालन बोझ कम होगा.
टैक्स चोरी का चलेगा पता
सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को शख्स की पहचान को लेकर इसपर माकूल ध्यान देने और काम करने की जरूरत होगी, इसलिए उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है. बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था-धारा 206 एबी और 206 सीसीए के लिए अनुपालन जांच’ उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगी। नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रोसेस में डालना है जिससे यह पता चल जाएगा कि वह ‘‘खास शख्स’’ है या नहीं.
महकमा ने ऐसे ’’खास लोगों की बनाई है फहरिश्त
आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘खास लोगों’ की लिस्ट तैयार कर ली है. यह लिस्ट तैयार करते वक्त 2018-19 और 2019-20 को गुजिश्ता दो मुतअल्लिका सालों पर गौर किया गया है. इस लिस्ट में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों सालों में हर एक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये या इससे ज्यादा रहा है.
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