हिंदु्स्तान ने दूसरे मुल्कों के लिए दवाई के साथ साथ ज़रूरतमंद मुल्कों को अनाज भी एक्सपोर्ट करने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकारी एजेंसी नैफेड काम करेगी.
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नई दिल्ली : कोरोना से पूरी दुनिया मुतास्सिर है. दुनिया के 200 से ज्यादा मुल्क कोरोना के शिकंजे में जकड़े हुए हैं.आलमी वबा बने कोरोना (Coronavirus Covid-19) के इस संजीदा माहौल में हिंदुस्तान अपने साथ साथ दूसरे मुल्क का भी ध्यान रख रहा है. हिंदु्स्तान ने दूसरे मुल्कों के लिए दवाई के साथ साथ ज़रूरतमंद मुल्कों को अनाज भी एक्सपोर्ट करने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकारी एजेंसी नैफेड काम करेगी.
एग्रीकल्चर लीडर नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister of India) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. कहा कि ''भारत में गेहूं की पैदावार अपनी जरूरत से ज़्यादा हुई है. दूसरे मुल्कों से मिले खास मांगों के बेस पर नैफेड को कहा गया है कि 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं का एक्सपोर्ट अफगानिस्तान और 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं का एक्सपोर्ट लेबनॉन को जीटूजी यानी सरकार से सरकार (G to G-Government to Government) व्यवस्था के अंडर किया जाए.''
एक्सपोर्ट का काम नैफेड को सौंपा गया है. इसलिए अब कोई टेंडर प्रोसेज़ नहीं अपनाई जाएगी. सौदा दोनों मुल्कों की सरकारों के बीच हुआ है, लिहाजा किसानों से एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं का ही एक्सपोर्ट किया जाएगा. अनाज की दूसरे मुल्कों की मांगों पर भी हुकूमत अभी सोच विचार कर रही है