सतह से हवा में मार करने वाले आकाश MG मिसाइल का परीक्षण, दो दिनों के अंदर भारत की यह दूसरी कामयाबी
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सतह से हवा में मार करने वाले आकाश MG मिसाइल का परीक्षण, दो दिनों के अंदर भारत की यह दूसरी कामयाबी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह टेस्ट तज रफ्तार वाले एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को निशाना बनाकर किया जिसे मिसाइल ने सफलतापूर्वक नेस्तनाबूद कर दिया.

आकाश मिसाइल

बलासोरः भारत ने ओडिशा के अपतटीय क्षेत्र में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से जुमे को सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का कामयाब टेस्ट किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह टेस्ट तज रफ्तार वाले एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को निशाना बनाकर किया जिसे मिसाइल ने सफलतापूर्वक नेस्तनाबूद कर दिया. डीआरडीओ के जराया ने बताया कि मिसाइल का टेस्ट आईटीआर के लॉंच पैड-3 से किया गया जिसके लिए बहुकार्य रडार, कमान, नियंत्रण, संचार प्रणाली और प्रक्षेपक सहित समूची प्रणाली तैनात की गई. संगठन के तर्जुमान ने कहा, ‘‘रेडियो फ्रीक्वेंसी यंत्र से लैस मिसाइल ने तीव्र गति वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया. इससे पहले 21 तारीख को भी भारत ने सतह से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल का कामयाब टेस्ट किया था. 

बिना किसी गलती के अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है मिसाइल 
जराया ने कहा कि दो दिन पहले 21 जुलाई को भी चांदीपुर वाके आईटीआर के इसी लॉंच पैड से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का टेस्ट किया गया था, लेकिन इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी यंत्र का इस्तेमाल नहीं किया गया था. मिसाइल का उड़ान तफसील जुटाने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री सहित कई रेंज स्टेशन तैनात किए थे. इन सिस्टम के जरिए जुटाए गए उड़ान की तफसील ने सिस्टम के बिना गलतियों के शानदार मुजाहिरे की तस्दीक की है.

इससे आईएएफ की ताकत में होगा इजाफा 
इसका टेस्ट खराब मौसम में किया गया जिससे मिसाइल के सभी मौसम में काम करने की क्षमता साबित हुई है. टेस्ट के दौरान मिसाइल ने हाई स्टैंडर्ड स्किल का प्रदर्शन किया जो तेज रफ्तार वाले दुशमन हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए जरूरी है. मिसाइल टेस्ट पर भारतीय वायुसेना के अफसरों ने भी नजर रखी. वायुसेना में शामिल होने पर आकाश-एनजी मिसाइल, बल की हवाई रक्षा क्षमता में कई गुना वृद्धि करने वाली साबित होगी.

इन रक्षा एजेंसियों ने मिलकर बनाया है मिसाइल 
इस मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ और दीगर प्रयोगशालाओं के तआवुन से रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद ने तैयार की है. टेस्ट में विनिर्माण एजेंसियां-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने भी हिस्सेदारी की है.

रक्षा मंत्री ने सभी एजेसियों को दी मुबारकबाद 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और संबंधित उद्यम को तीन दिन के भीतर आकाश-एनजी के दूसरे सफल परीक्षण पर मुबारकबाद दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी आकाश-एनजी के सफल परीक्षण पर संबंधित टीम को बधाई दी. 

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