India Pakistan War 2025: भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर दुनिया दो धड़ों में बंट गई है. जानिए इस तनाव पर सऊदी अरब और ईरान ने क्या रुख अपनाया है और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद समीकरण कैसे बदल गए.
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India Pakistan War 2025: भारत ने पहलगाम टेरर अटैक का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को ठिकाने को तबाह कर दिया. इस हमले से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर 8 मई की दरमियानी रात को अटैक कर दिया. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के इस नापाक हरकत को नाकाम कर दिया. पाकिस्तान के इस नापाक हरकत के बाद दुनियाभर के नेता शांति की बात कर रहे हैं.
दुनियाभर के देशों के डर सता रहा है कि भारत पाकिस्तान के बीच यह टकराव युद्ध में न बदल जाए. एक तरफ दुनिया भर के देश आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कूटनीति का रास्ता अख्तियार करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन एक मुस्लिम देश है, जो पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन कर रहा है. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि किस देश के मुखिया ने क्या कहा? आइए जानते हैं.
तुर्की किसके साथ है खड़ा
भारत ने 7 मई को पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया. इस हमले में कम से कम 90 आतंकी मारे गए. इस एयरस्ट्राइक में मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए. इन दहशतगर्दों के मारे जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान के साथ अपनी संवेदना व्यक्त कर रहा है और खुलेआम आतंकियों को खिराज-ए-अकीदत पेश कर रहा है.
तुर्की ने क्या कहा?
तुर्की ने एक्स पर पोस्ट किया, "हम इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि पाक और भारत के बीच तनाव मिसाइल हमलों के कारण व्यापक संघर्ष में बदल सकता है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में नागरिक शहीद हो सकते हैं. मैं हमलों में अपनी जान गंवाने वाले हमारे भाइयों के लिए अल्लाह से रहम की दुआ करता हूं, और मैं एक बार फिर पाकिस्तान के भाई जैसे लोगों और पाकिस्तान के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं."
चीन किसके साथ है खड़ा
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन प्रो-पाकिस्तान स्टैंड ले सकता है और मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाक-भारत तनाव के बीच चीन ने कई खेप हथियार पहुंचाएं हैं, लेकिन चीन ने अब पूरे मामले को लेकर टिप्पणी की है. चीन भारत-पाक तनाव मुद्दे पर तटस्थ होकर दोनों मल्कों से संयम बरतने की गुजारिश कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन दोनों देशों के बीच मौजूदा हालात को लेकर चिंतित है."
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और वो हमेशा ही पड़ोसी रहेंगे. दोनों मुल्क चीन के भी पड़ोसी हैं. चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है. चीन दोनों पक्षों से शांत रहने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने की अपील करता है जो स्थिति को और जटिल बना सकती हैं."
जानें नेपाल का क्या है स्टैंड
इस पूरे मामले को लेकर नेपाल भी प्रतिक्रिया दी है. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा, "नेपाल सरकार पहलगाम में एक नेपाली नागरिक समेत निर्दोष सैलानियों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से चिंतित है. उस दौरान नेपाल और भारत एकजुटता के साथ खड़े रहे और साझा दुख और पीड़ा में एकजुट रहे. नेपाल स्पष्ट रूप से इस बर्बर आतंकवादी हमले की निंदा करता है जो कि सभी प्रकार के दहशतगर्दी के खिलाफ नेपाल के दृढ़ रुख के अनुरूप है." नेपाल ने आगे कहा, "नेपाल किसी भी विरोधी ताकत को पड़ोसी देशों के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा."
सऊदी अरब का क्या है स्टैंड
एक वक्त था जब सऊदी अरब और पाकिस्तान गहरे दोस्त माने जाते थे. दोनों मुल्कों का रिश्ता मजहब के आधार पर मजबूत था क्योंकि दोनों सुन्नी मुस्लिम मुल्क हैं लेकिन अब हालात बदल गए हैं. सऊदी अरब और भारत के बीच दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है. पहलगाम हमले के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे और वहां क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिले. हमले की वजह से उन्हें दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा. इस बीच सऊदी के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर भी भारत पहुंचे और विदेश मंत्री जयशंकर से मिलकर तनाव कम करने की बात कही.
ईरान का क्या है रुख
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद ईरान ने बड़ा संतुलित रुख दिखाया है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची भारत दौरे पर आए और विदेश मंत्री जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की. उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की गुजारिश की. ईरान पहले कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता था, लेकिन इस बार उसने तटस्थ रुख अपनाया है. भारत दौरे से पहले ईरानी मंत्री ने पाकिस्तान के नेताओं से भी बात की और कूटनीति से हल निकालने की सलाह दी. ईरान का ये संतुलित रवैया काबिल-ए-तारीफ है.