इम्पार की जानिब से कहा गया है कि क़ुरान की कई आयतों से इस बात का ज़िक्र है कि जो शख्स अपने मज़हब पर जिस तरह से चाहे वह चल सकता है
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नई दिल्ली/शोएब रज़ा: मुतनाज़ा मज़हबी रहनुमा डॉक्टर जाकिर नाइक की जानिब से इस्लामाबाद में मंदिरों को लेकर दिए गए बयान पर सख्त रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स की (इम्पार) जानिब से कहा गया है कि ऐसे बयान मुल्क और दुनिया के लिए नुकसानदह होंगे. इम्पार की जानिब से कहा गया है कि जिस तरह के बयान गुज़िश्ता कुछ महीनों में डॉक्टर जाकिर नाइक की जानिब से दिये गये हैं उससे यह वाज़ह हो जाता है कि वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं और अमन का खात्मा करने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह के बयानों की कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा.
इम्पार की जानिब से कहा गया है कि क़ुरान की कई आयतों से इस बात का ज़िक्र है कि जो शख्स अपने मज़हब पर जिस तरह से चाहे वह चल सकता है लेकिन उसको दूसरे मज़हब पर चलने के लिए कोई मजबूर नहीं कर सकता. इम्पार ने आगे कहा कि कि इस्लाम का वाज़ह मानना है और कि जिन लोगों ने तुम्हें तुम्हारे घरों से नहीं निकाला और जिन लोगों ने तुम्हारे साथ छेड़छाड़ नहीं की उनके साथ छेड़छाड़ ना करो. वाज़ह है कि इस्लामिक हुकूमत में दूसरे लोगों को भी रहने का पूरा हक है और इस्लामिक हुकूमत की जिम्मेदारी है कि वह उनके जान-माल और हर चीज़ की हिफाज़त करें.
इम्पार की जानिब से कहा गया है कि इस्लाम एक लिबरल मज़हब है और लय से लेकर प्रलय तक के लिए है, इसमें किसी भी तरह से किसी कट्टरता की कोई गुंजाइश नहीं है. ऐसे बयानों के ज़रिए से इस्लाम के अक्स को धुंधला करने की कोशिश हो रही है, जिसे कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता है. क्योंकि इस्लाम एक ऐसा मज़हब है जो बराबरी और इंसानियत के तमाम पहलुओं पर मुनहसिर है.
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