मुआवजा 1 घंटे की देरी या फिर 4 घंटे की देरी के आधार पर दिया जा सकता है. पिज्जा डिलीवरी ेमॉडल को पहले कुछ सेक्टर्स में ही लागू किया जाएगा.
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नई दिल्ली: अपनी लेटलतीफी के लिए बदनाम रेलवे एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. दरअसल भारतीय रेलवे मालभाड़ा ट्रेनों के लिए इस मॉडल शुरू करने जा रही है. जिसके तहत मालगाड़ियों को वक्त पर सामान की डिलीवरी करने के लिए तैयार किया जाएगा. अगर सामान की डिलीवरी समय पर नहीं हुई तो रेलवे उसका मुआवज़ा देगी.
मुआवजा 1 घंटे की देरी या फिर 4 घंटे की देरी के आधार पर दिया जा सकता है. पिज्जा डिलीवरी ेमॉडल को पहले कुछ सेक्टर्स में ही लागू किया जाएगा. जैसे जैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पूरा होगा इसे आगे बढ़ाया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा कंपनियां रेलवे ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना शुरू करेंगी , इससे भारतीय रेलवे को अपनी कमाई बढ़ने की भी उम्मीद है. अगले चार सालों में मालभाड़े से कमाई को नई ऊंचाई पर ले जाने का हदफ है.
रेलवे की जानिब से अगर इस मॉडल को नाफिज़ किया जाता है तो आने वाले वक्त में इससे सीमेंट, स्टील, आयरन और कोल कंपनियों को फायदा होगा. रेलवे नए कस्टमर्स के तौर पर ऑटो, ई कॉमर्स और फॉर्मा सेक्टर को भी जोड़ने की कोशिश कर रही है.
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