चंपत राय की हिमायत में खड़े नज़र आए इकबाल अंसारी, लेकिन दी यह सलाह
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चंपत राय की हिमायत में खड़े नज़र आए इकबाल अंसारी, लेकिन दी यह सलाह

अंसारी ने आगे कहा कि जहां तक सवाल है चंपत राय की बात का है तो साधु समाज के पास गुस्सा नहीं आशीर्वाद होना चाहिए.

चंपत राय की हिमायत में खड़े नज़र आए इकबाल अंसारी, लेकिन दी यह सलाह

अयोध्या: राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के ज़रिए महाराष्ट्र के वजीरे आला उद्धव ठाकरे की हिमायत में दिए गए बयान को लेकर बाबरी मस्जिद के फरीक रहे इकबाल अंसारी ने अपने राय का इज़हार किया है. इकबाल अंसारी का कहना है की अयोध्या एक मज़हबी मकाम है और यहां जो भी धर्म-कर्म की नियत से आता है उसे कोई रोक नहीं सकता है.

अंसारी ने आगे कहा कि जहां तक सवाल है चंपत राय की बात का है तो साधु समाज के पास गुस्सा नहीं आशीर्वाद होना चाहिए. लोग मज़हब के दायरे में रहकर काम करें ऐसे लोगों को ईश्वर भी पसंद करते हैं. जहां तक आईन (संविधान) की बात है तो हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी के साथ एक जैसा सलूक होना चाहिए. 

किसने मां का दूध पिया है, जो उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक सके: चंपत राय

क्या कहा था चंपत राय ने

अयोध्या संत समिति और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने पर उनकी मुखालिफत तक करने की वार्निंग दे थी. जिसपर चंपत राय ने उद्धव ठाकरे की हिमायत करते हुए कहा,''अयोध्या में किसने अपनी मां का दूध पिया है जो उनको यहां आने से रोक सके? हम उद्धव ठाकरे का अयोध्या में इस्तकबाल करते हैं. यह सब बेवजह की बहस है. जो बयानबाजी हुई है वह विश्व हिंदू परिषद की तरफ से अधिकृत नहीं है.''

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