Train Hijacked in Pakistan: बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा तेल और खनिज समृद्ध लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. यहाँ के निवासी बलूच अल्पसंख्यक पाकिस्तान से आज़ादी और एक अलग मुल्क बनाना चाहते हैं. पाकिस्तानी आर्मी उनपर बहुत ज़ुल्म और ज्यादती करती है. जानकारों की मानें तो ट्रेन हाईजैक एक बदले की कार्रवाई हो सकती है.
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Train Hijacked in Pakistan: पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 'जाफर एक्सप्रेस' ट्रेन को हाईजैक कर लिया है. ट्रेन में 500 से ज्यादा मुसाफिर भी सवार है. बताया जा रहा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान प्रांत के कच्छी जिले में पाकिस्तान रेलवे जाफर एक्सप्रेस पर हमला बोल दिया. इसके बाद पूरी ट्रेन को कब्ज़े में ले लिया. इस हादसे के बाद प्रांतीय सरकार ने सभी अस्पताल में आपातकाल लगा दिया गया है. बलूचिस्तान सरकार ने आदेश दिया है कि आपातकालीन उपाय किए जाएं और सभी संस्थान सक्रिय रहें।" पिछले साल अक्टूबर में, पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से ज्यादा वक़्त के निलंबन के बाद क्वेटा और पेशावर के बीच ट्रेन सेवाओं को बहाल करने का ऐलान किया था.
गौरतलब है कि ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा बलूचिस्तान लंबे अरसे से हिंसक विद्रोह का गढ़ बना हुआ है. बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षाकर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं. पिछले एक साल में बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है. नवंबर 2024 में, क्वेटा रेलवे स्टेशन पर आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 62 घायल हो गए. तेल और खनिज समृद्ध बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. बलूच अल्पसंख्यक पाकिस्तान से आज़ादी और एक अलग मुल्क बनाना चाहते हैं. यह देश के जातीय बलूच अल्पसंख्यकों का केंद्र है, जिनके सदस्यों का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भेदभाव और शोषण का सामना करना पड़ता है.
सुरक्षा बलों ने बरखान जिले से तीन बलूच व्यक्तियों का अपहरण किया
ट्रेन हाईजैक होने के पहले ही बलूचिस्तान के एक जिले बरखान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक, एक सेवानिवृत्त डॉक्टर और एक स्थानीय निवासी सहित तीन बलूच व्यक्तियों का जबरन अपहरण कर लिया था. X पर एक पोस्ट में, बलूच यकजेहती समिति ने कहा कि पीड़ितों को फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) और स्थानीय पुलिस के कर्मियों की भागीदारी वाले एक समन्वित ऑपरेशन में दोपहर 3 बजे के आसपास अगवा कर लिया गया था. BYC ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 60 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक हाजी अहमद बख्श को बस्ती हाजी निजाम दीन बलवानी बाघो बरखान में उनके निवास से अगवा कर लिया गया था. हाजी अहमद बख्श अपने समुदाय में एक शिक्षक के रूप में दशकों तक अपनी सेवा के लिए जाने जाते हैं. उन्हें अगवा के दिन दोपहर 3 बजे के आसपास FC और पुलिस कर्मियों द्वारा ले जाया गया था.
समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि 40 वर्षीय सेवानिवृत्त पशु चिकित्सक मुहम्मद अकबर को भी उसी दिन उसी इलाके से अगवा कर लिया गया था. उनका परिवार विशेष रूप से चिंतित है, क्योंकि उन्होंने अपनी ज़्यादातर जिंदगी मकामी बाशिंदों के पशुधन की खिदमत में लगा दिया था. कथित तौर पर उनके लापता होने के लिए FC के कर्मचारी जिम्मेदार हैं. BYC के हवाले से बरखान जिले के बस्ती जेलानी के 60 वर्षीय निवासी जुमा खान को भी फ्रंटियर कोर ने अगवा कर लिया था. राज्य बलों द्वारा बलूच व्यक्तियों के लगातार लापता होने के हादसे लंबे अरसे से मानवाधिकार संगठनों के लिए फ़िक्र का मौजूं रहा है. बलूच समुदाय और कार्यकर्ता इन्साफ की मांग करते हुए इन अपहरणों में शामिल सुरक्षा बलों के लिए जवाबदेही की मांग करते रहते हैं.
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