जयपुर: राजस्थान के जयपुर की एक अदालत ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने आतंकी संगठन SIMI से जुड़े 13 में से 12 सदस्यों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. जब्कि उनमें से एक को सबूतों की कमी के पेश-ए-नज़र बरी कर दिया है.


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यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इन तमाम 13 सदस्यों को 2014 में राजस्थान (Rajasthan) के मुख़्तलिफ़ इलाकों से गिरफ्तार किया गया था. ये  तमाम इंजीनियरिंग के छात्र रहे थे. साल 2014 में एटीएस (ATS) और एसओजी (SOG) ने राजस्थान (Rajasthan) के 13 इंजीनियरिंग छात्रों को यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके गिरफ्तार किया था.


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उम्रकैद की सजा के साथ साथ  ढाई लाख का जुर्माना
जयपुर (Jaipur) की जिला अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि एसे गंभीर मामले में रहम नहीं दिखाया जा सकता है, भले ही आतंकी की साज़िश में शामिल आरोपी स्टूडेंट ही क्यों ना हो.  उसके अलावा अदालत ने हरएक पर ढाई लाख का जुर्माना भी लगाया है. अदालत उन 13 छात्रों में से एक मुशर्रफ इक़बाल को सबूतों की कमी के सबब बरी कर दिया है. 


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ये हैं दोषी
अदालत ने अब्दुल मजीद, मोहम्मद वाहिद, मोहम्मद उमर, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद वकार, मोहम्मद अम्मार, बरकत अली, मोहम्मद मारूफ, अशरफ अली, मोहम्मद साकिब अंसारी, वकार अजहर और मोहम्मद सज्जाद दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है.


क्या है आरोप?
इन छात्रों पर आरोप है कि ये तमाम आतंवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (SIMI) से जुड़े हुए थे. उन्होंने दिल्ली (Delhi) की तर्ज़ पर राजस्थान (Rajasthan)  के कई इलाकों में बम धमाका करना चाहते थे. इन पर फर्जी दस्तावेजों से सिम खरीदने, आतंकी हमला करने करने के लिए फंड इकठ्ठा करने, आतंकियों को पनाह देने, बम विस्फोटक की जगहों की रेकी करने जैसे कई आरोप थे.


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