जामिया के प्रोफेसर अबरार ने ट्वीट कर यह दावा किया था कि उन्होंने उन नॉन-मुस्लिम तलबाओं को एग्ज़ाम में फेल कर दिया है, जो सीएए के हिमायत कर रहे थे या जो सीएए मुखालिफीन की मुखालिफत कर रहे थे।
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नई दिल्ली/शोएब रज़ा : जामिया मिलिया इस्लामिया मैनेजमेंट ने असिस्टेंट प्रोफेसर अबरार अहमद को सस्पेंड कर दिया है। प्रोफेसर अबरार ने शहरियत तरमीमी एक्ट की हिमायत करने वाले 15 गैर मुस्लिम तलबा को फेल करने का दावा किया था। अबरार ने एक ट्वीट में ऐसा करने का दावा किया था। प्रोफेसर अबरार ने ट्वीट कर लिखा कि एग्जा़म में 15 सीएए हिमायती को छोड़ कर बाकी सभी तलबा पास हैं। प्रोफेसर ने सीएए के मुखालिफत में 55 तलबा के होने का दावा किया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक प्रोफेसर अबरार ने ट्वीट को लेकर बवाल मच गया और प्रोफेसर अबरार लोगों के निशाने पर आ गए। एबीवीपी समेत कई छात्र तंजीमों ने प्रोफेसर अबरार के खिलाफ हल्ला बोल दिया जिसके बाद अबरार ने सफाई दी कि वो तो मज़ाक कर रहा था।हालांकि अबरार के इस ट्वीट के बाद जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी हरकत में आई प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया. जामिया मैनेजमेंट ने ट्वीट कर उसे सस्पेंड करने की जानकारी दी है।
Dr. Abrar Ahmad, Asstt Professor of @jmiu_official tweeted in public domain as to failing 15 non-muslim students in an exam. This is a serious misconduct inciting communal disharmony under CCS CONDUCT RULES.The university suspends him pending inquiry.@DrRPNishank @HRDMinistry
— Jamia Millia Islamia (Central University) (@jmiu_official) March 25, 2020
बता दें कि अबरार अहमद जामिया का असिस्टेंट प्रोफेसर है, जो बाटला हाउस इलाके में रहता है। अबरार ज़ाकिर ट्विटर पर ज़ाकिर नाइक को फॉलो करता है और उसकी सोच कट्टर इस्लामी है। वह इससे पहले भी हिन्दुओं को लेकर ऐतराज़ ए काबिल बयानबाजी कर चुका है। अबरार ने कहा था कि कोरोना वायरस अल्लाह की परीक्षा है। अबरार ने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस से डरे बगैर सभी को सीएए के खिलाफ प्रोटेस्ट जारी रखना चाहिए।
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