सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ का ये असेसमेंट वज़ारते तालीम ने 2019-20 में यूनिवर्सिटीज़ के साथ साइन किए गए एमओयू में तय पैमानों की बुनियाद पर किया.
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नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के लिए एक अच्छी खबर है. जामिया ने वज़ारते तालीम की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के असेसमेंट में पहला मकाम हासिल किया है. इसमे जामिया ने 90 फीसद ग्रेड हासिल की है, जो एक बड़ी कामयाबी है. जामिया के बाद अरूणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ने 83 फीसद के साथ दूसरा, तीसरे नंबर दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी 82 फीसद और 78 फीसद के साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने चौथा मक़ाम हासिल किया है.
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ का ये असेसमेंट वज़ारते तालीम ने 2019-20 में यूनिवर्सिटीज़ के साथ साइन किए गए एमओयू में तय पैमानों की बुनियाद पर किया. इन पैमानों पर वज़ारत और यूजीसी सेन्ट्रल यूनिवर्सिज़ का असेसमेंट करते हैं, जिसमें जामिया की कारकरदगी सबसे बेहतर पाई गई. रैकिंग पैरामीटर का ये सह फरीकी समझौता यूनिवर्सिटीज़, एमएचआरडी और यूजीसी के बीच होता था. 2017 नें जामिया ने इस पर सबसे पहले दस्तखत किए थे. इन पैरामीटर्स में यूजी, पीजी, एमफिल और पीएचडी में दाखिला लेने वाले तलबा की तादाद, तालिबात और गैर मुल्की तलबा की तादाद, फैकल्टी क्वालिटी, तलबा और टीचर का तनासुब, टीचर्स की वैकेंसी, विजिटिंग फैकल्टी और कैम्पस सेलेक्शन शामिल हैं.
इससे पहले भी नेशनल और इंटरनेशनल रैंकिग में जामिया बेहतरीन कारकरदगी का मुज़ाहिरा करता रहा है. हालांकि कई तनाज़ों को लेकर जामिया पर लोग सवाल भी उठाते रहे हैं, खासतौर पर सीएए और एनआरसी के मामलों को लेकर जामिया में करीब 3 महीनों तक मुज़ाहिरे होते रहें लेकिन इन सबका असर जामिया एजुकेशन क्वालिटी और रैंकिग पर कहीं भी नहीं पड़ा. जामिया के लिए मौजूदा साल बहुत खास है, क्योंकि आने वाले 29 अक्टूबर को ये यूनिवर्सिटी अपने 100 साल मुकम्मल करने जा रही है. 1920 में जामिया यूनिवर्सिटी बनी थी. ऐसे में वज़ारते तालीम की सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ग्रेडिंग में पहला मकाम हासिल करना जामिया की अहमियत को और बढ़ा देता है.
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