Jammu and Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा. इलेक्शन कमीशन के चीफ राजीव कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. राजीव कुमार ने कहा है कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सिक्योरिटी का जायजा लिया जाएगा, फिर इलेक्शन की तारीखों का ऐलान किया जाएगा. 


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चीफ इलेक्शन ने क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उनकी एक और मांग थी. राज्य में राजनीतिक पदाधिकारियों की सुरक्षा की समीक्षा की गई थी, जिसमें कुछ की सुरक्षा कम कर दी गई थी, कुछ को नहीं मिली थी और कुछ की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. उनकी धारणा थी कि सभी को समान सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकें, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों."



कही ये बड़ी बात
उन्होंने आगे कहा,  "हमने राज्य की राष्ट्रीय और मान्यता प्राप्त पार्टियों से मुलाकात की. सभी ने जम्मू-कश्मीर में सफल लोकसभा चुनावों के लिए जनता और चुनाव आयोग की तारीफ की. सभी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, इसमें अच्छी भागीदारी रही, कोई हिंसा की घटना नहीं हुई, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा है. सभी पार्टियों ने मांग की कि विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं. सभी पार्टियों ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हों, जिनका स्थानीय लोगों से बेहतर जुड़ाव हो. कमोबेश सभी राजनीतिक पार्टियां, एक या दो को छोड़कर, यह भी चाहती थीं कि समान अवसर स्थापित किए जाएं."


इन सीटों पर होगी वोटिंग
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू में 43 और कश्मीर घाटी में 47 विधानसभा सीटें होंगी. इनमें से 9 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति और सात अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी. पांच लोकसभा सीटों में से दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर संभाग में होंगी, जबकि एक सीट दोनों के साझा क्षेत्र में होगी। यानी आधा क्षेत्र जम्मू संभाग का और आधा कश्मीर घाटी का हिस्सा होगा. इस लोकसभा इलेक्शन में जम्मू-कश्मीर की 5 सीटों में से दो बीजेपी और दो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत पाई. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की.


क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) बना दिया था. इस फैसले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था और इलेक्शन कमीशन को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा इलेक्शन कराने का आदेश दिया था. इलेक्शन कमीशन के चीफ राजीव कुमार ने 3 जून को कहा था कि चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में 'बहुत जल्द' विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा.