Pahalgam terror attack: पहलगाम में सैलानियों पर आंतकी हमला के बीच वहां के एक लोकल मदरसा ने लगभग 50 लोगों को पनाह दिया, और उनकी जान बचाई, इंतजामिया ने कहा की उनके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं. पूरी जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Pahalgam terror attack: कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार 22 अप्रैल को सैलानियों पर दहशतगर्दों ने हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई, और दर्जनों घायल हो गए. लेकिन हमले के बीच में वहां के लोकल कश्मीरियों ने बहुत ही मानवीय और दीलेरी का काम किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोकल कश्मीरियों ने पर्यटकों को बचाने के लिए अपने घर और मदरसे का दरवाजा खोल दिया और उनकी जान की हिफाजत की.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के राजौरी के मंजाकोट में मौजूद जामिया ज़िया-उल-इस्लाम मदरसा में लगभग 50 सैलानियों को पनाह दी गई, जिससे उनकी जान बच पाई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जामिया ज़िया उल इस्लाम मंजाकोट मदरसा के चेयर मैन ने सैलानियों से अपील करते हुए कहा कि हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं.
जान बचाया, फिर उपहार देकर किया विदा
बता दें कि मदरसे में संरक्षण लिए सैलानियों को मदरसा इंतजामिया ने सुरक्षित रहने का इंतजाम किया, उन्हें खाना खिलाया आखिर में उन सैलानियों को उपहार और दुआ देकर रवाना किया. बता दें कि जामिया ज़िया-उल-इस्लाम मंजाकोट की इंतजामिया ने इस हमले का पुरजोर मज़म्मत की है, और कहा है कि मदरसा इंतजामिया आतंकियों के खिलाफ लोगों के साथ खड़ा है.
सैलानियों को बचाने के लिए आतंकियों से लड़ गया यह कश्मीरी
गौरतलब है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद वहां से लोकल जांबाजों की कई घटनाए सामने आई, जिसमें वह अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को बचाया, अपने घरों में पनाह दिया, उनके रहने का इंतजाम किया, कई लोगों को डेंजर जोन से निकालकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. इन कामों को करते हुए एक एक लोकल कश्मीरी सैयज हुसैन शाह नाम का नौजवान की मौत हो गई. हुसैन ने सैलानियों को बचाने के लिए अकेला आतंकियों से भिड़ गया, और राइफल छिनने लगा, जिसके बाद दहशतगर्दों ने हुसैन को गोली मार दी.