जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा 370 खत्म होने के बाद वादी में किस तरह हालात बदल रहे हैं? नए निजाम की दस्तक से हौसलों ने किस तरह उड़ान भरी है? जी सलाम के खास प्रोग्राम "नया सवेरा" #NayaSavera के मंच से उन जिम्मेदार हस्तियों ने बातें कीं जिनके कंधों पर सियासत के मुस्तकबिल की कमान है. इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह और यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू के VC प्रोफेसर मनोज कुमार धर ने अपनी बात रखी.
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जम्मू: सलाम के खास प्रोग्राम "नया सवेरा" #NayaSavera में बोलते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह (Nirmal Singh) ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व स्थिति है. जिसे डील करने के लिए केंद्र और संसद द्वारा 5 अगस्त 2019 को जो कार्रवाई की. उसके मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ इंतजाम करना जरूरी था. लेकिन जैसे-जैसे माहौल ठीक हो रहा है. वैसे ही चीजें सामान्य हो रही हैं. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ है लेकिन जीवन की तुलना में यह नुकसान ज्यादा बड़ा नहीं है. सरकार ने स्थिति को देखते हुए और पिछले अनुभवों के आधार पर यह कदम उठाया. इसी वजह से यहां सब कुछ ठीक रहा और यहां कोई हिंसा नहीं हुई. धीरे-धीरे लोगों के हक की बात हो रही है, जहां तक फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात है वो आहिस्ता-आहिस्ता सामान्य हो रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि आपके (Zee Salam) प्रोग्राम की थीम है हमारी तालीम, हमारी तकदीर. यहां पिछले 72 सालों में जो हुआ, उसमें तालीम का बहुत बड़ा हाथ है. कश्मीर के एक लेखक हैं रहमान राही जी. उन्होंने एक सेमिनार के दौरान कहा था कि जब हम छोटे-छोटे थे, हमें अभिनव गुप्ता के बारे में पता नहीं था. ललितादित्य, अवंति वर्मन कौन हैं? हमे उनके बारे में पता नहीं था.
1960 में यहां एक सेमिनार हुआ था, जिसमें कश्मीर की फ्रीडम मूवमेंट पर चर्चा हुई. उसमें महाराजा के खिलाफ लड़ाई को फ्रीडम मूवमेंट नाम दिया गया! वहीं कुछ लोगों का मानना था कि फ्रीडम मूवमेंट 1576 को शुरू हुआ, जब अकबर ने कश्मीर को अपने राज्य में मिलाया. कुछ लोग मानते हैं कि 1890 में महाराजा रणजीत सिंह ने जब कश्मीर को पंजाब के साथ मिलाया. वहीं कुछ कहते हैं कि जब महाराजा गुलाब सिंह ने 1846 में कश्मीर का गठन किया. मेरा मानना है कि उसका जो एजेंडा सेट हुआ, वो 5 अगस्त को हुआ, पहले जो कुछ हुआ वे तालीम की कमी के कारण हुआ.
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जम्मू और कश्मीर यूनिवर्सिटी देश की टॉप यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू के VC ने प्रोफेसर मनोज कुमार धर (Manoj Kumar Dhar) ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रियासत में 11 यूनिवर्सिटीज हैं, जिनमें जम्मू यूनिवर्सिटी है, कश्मीर यूनिवर्सिटी भा है. एग्रीकल्चर की दो यूनिवर्सिटीज हैं और एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं. राष्ट्रीय स्तर की तुलना में जम्मू और कश्मीर यूनिवर्सिटी देश की टॉप यूनिवर्सिटी हैं. ऐसे में क्वालिटी एजुकेशन के मामले में केंद्र शासित प्रदेश किसी अन्य राज्य की तुलना में कमतर नहीं है.
जम्मू कश्मीर एजुकेशनल हब बन रहा है
प्रोफेसर धर (Manoj Kumar Dhar) ने आगे बताया कि अब जम्मू कश्मीर एजुकेशनल हब बन रहा है. हमारे यहां आईआईटी आ गए, आईआईएम, मास कम्यूनिकेशन इंस्टीट्यूट आ गए हैं. साथ ही एलजी मनोज सिन्हा का जोर है कि युवाओं को स्किल्ड बनाया जाए. जिस दिशा में प्रशासन द्वारा विशेष तौर पर काम किया जा रहा है.
कार्यक्रम के दौरान धर ने कहा कि हॉर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर, एग्रीकल्चर और दस्तगारी के लिए भी युवाओं को स्किल्ड किया जा रहा है. इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक युवाओं को तैयार किया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि युवा नौकरी पाने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें.
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इस मौके पर प्रोफेसर बेचन लाल ने कहा कि हमने राज्य में इंडस्ट्री के लोगों से अपील की है कि आप ऐसे लोगों के साथ मीटिंग कराइएं. हम उनकी जरूरत को समझेंगे और फिर उसके हिसाब से युवाओं को स्किल किया जाएगा. ये सच है कि स्किल युवाओं की यहां कमी हैं. अब नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर इस पर ध्यान दिया गया है.
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