देश में क्यों मुश्किल है इन्साफ की राह; जानिये, प्रति दस लाख की आबादी पर हैं कितने जज ?
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देश में क्यों मुश्किल है इन्साफ की राह; जानिये, प्रति दस लाख की आबादी पर हैं कितने जज ?

JUDGES and Population RATIO in India: कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि 31 दिसंबर 2021 की स्थिति के मुताबिक, प्रति दस लाख की आबादी में करीब 21 न्यायाधीश है.

अलामती तस्वीर
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नई दिल्लीः सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या करीब 21 ( judge population ratio in India is only 21 per million people) है. कानून मंत्री किरेन रिजीजू (Law Minister Kiren Rijiju)ने राज्यसभा (Rajya Sabha) को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि किसी भी वर्ष में प्रति दस लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या गिनने के लिए मंत्रालय का कानून विभाग 2011 की जनगणना के मुताबिक जनसंख्या और उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला अदालत और अधीनस्थ अदालतों में उस साल न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के बारे में उपलब्ध जानकारी का उपयोग करता है.

25 उच्च न्यायालयों में 1098 न्यायाधीश
किरेन रिजीजू ने बताया ‘‘31 दिसंबर 2021 की स्थिति के मुताबिक, न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 21.03 को देखते हुए उनका एवं आबादी का अनुपात प्रति दस लाख में करीब 21 न्यायाधीश है.’’ उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 और 25 उच्च न्यायालयों में 1098 है. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालयों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2021 तक 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 898 फास्ट ट्रैक अदालतें काम कर रही हैं. फास्ट ट्रैक अदालतों सहित अधीनस्थ अदालतों की स्थापना और उसका कामकाज, संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से राज्य सरकारों के दायरे में आता है. 

फास्ट ट्रैक अदालतों की संख्या में जरूरत से कम 
त्वरित न्याय प्रदान करने की मांग करते हुए, 14वें वित्त आयोग ने 2015-2020 के दौरान 1800 फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना की सिफारिश की थी और राज्य सरकारों से जघन्य अपराधों, नागरिक मामलों से संबंधित विशिष्ट प्रकृति के मामलों से निपटने का आग्रह किया था. महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, समाज के अन्य कमजोर वर्गों आदि और संपत्ति से संबंधित 5 साल से ऊपर के लंबित मामलों की यहां सुनवाई की जाती है. 

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