आखिरकार कमलेश को नसीब हुई वतन की मिट्टी, हाई कोर्ट ने दुबई से दोबारा मंगवाई डेडबॉडी
Advertisement

आखिरकार कमलेश को नसीब हुई वतन की मिट्टी, हाई कोर्ट ने दुबई से दोबारा मंगवाई डेडबॉडी

कोरोना बोहरान के बीच काफी जिद्दोजहद के बाद उत्तराखंड के भट्ट परिवार को अपने बेटा की जस्दे खाकी मिल गई है. अहले खाना ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए पीर को पूर्णानंद घाट पर नौजवान बेटे की आखिरी रसूमात को अंजाम दिया.

आखिरकार कमलेश को नसीब हुई वतन की मिट्टी, हाई कोर्ट ने दुबई से दोबारा मंगवाई डेडबॉडी

मनमोहन भट्ट/ऋषिकेश: कोरोना बोहरान के बीच काफी जिद्दोजहद के बाद उत्तराखंड के भट्ट परिवार को अपने बेटा की जस्दे खाकी मिल गई है. अहले खाना ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए पीर को पूर्णानंद घाट पर नौजवान बेटे की आखिरी रसूमात को अंजाम दिया. दरअसल, टिहरी में मौजूद चंबा के रहने वाले 25 साला कमलेश भट्ट का दुबई के अबुधाबी में हार्ट अटैक से 17 अप्रैल को इंतेकाल हो गया था. जिसके बाद लॉकडाउन में किसी तरह लाश को दिल्ली लाया गया लेकिन कानूनी दलीलों का हवाला देकर वापस भेज दिया गया. जिस पर हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने के बाद जस्दे खाकी का इंतजार कर रहे परिवार को बेटे की मय्यत मिली.

अहलेखाना ने बताया कि काग़जी कार्रवाई पूरी कर मय्यत को कार्गो प्लेन से 23 अप्रैल को दुबई से दिल्ली भेजा गया. लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का हवाला देकर मय्यत को प्लेन से बाहर नहीं उतारा गया और फिर से दुबई भेज दिया गया. परिवार वालों ने इल्ज़ाम लगाया कि मेहकमा दाखिला, वज़ारते खारजा और माइग्रेशन डिपार्टमेंट के बीच सही तालमेल न होने की वजह से ऐसा हुआ.

मायूस अहले खाना हाई कोर्ट पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के ज़रिए कोर्ट ने मुतअल्लिका मेहकमा को हिदायात जारी कीं. जिसके बाद लाश को दोबारा भारत लाया गया. इंतेकाल के करीब 10 दिन बाद कमलेश भट्ट की जस्दे खाकी दिल्ली पहुंची. कमलेश भट्ट के अलावा संजीव कुमार और पंजाब के जगजीत सिंह की जस्दे खाकी उनके परिवार के हवाले कर दर दी गई.

Zee Salaam Live TV

Trending news