आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने बुर्ज़ाह्मा को तारीखी यादगार के जुमरे में शामिल किया है. आसार ए क़दीमा ने इसे एशिया के सात यादगारों में जगह दी है. इस मकाम की कई दफा खुदाई हो चुकी है.
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श्रीनगर/शोकत बेग: आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने बुर्ज़ाह्मा को तारीखी यादगार के जुमरे में शामिल किया है. आसार ए क़दीमा ने इसे एशिया के सात यादगारों में जगह दी है.
इस मकाम की कई दफा खुदाई हो चुकी है. यहां से दस्तायब अशिया की बुनियाद पर ये कयास लगाया जाता है कि कशमीर के तारीखी आसार का जमाना तीन हजार कब्ल ए मसीह का है.
खुदाई में मिली चीजों से कश्मीरी सकाफत का ताल्लुक वस्त एशिया तक से जुड़ता है. खुदाई से मिली चीजों से उस दौर के कश्मीरी फनून का भी पता चलता है.
समुद्र की सतह से 54 सौ फीट की बुलंदी पर मौजूद इस इलाके को ASI ने महफूज इलाके के जुमरे में रखा है. यहां मजीद खुदाई के साथ साथ अंदरूनी इलाके में आम लोगों के दाखले पर पाबंदी आयद कर रखी है.
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