सरकार ने विवाह समारोह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या सीमित कर क्रमशः 250 और 50 करने का फैसला लिया है.
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भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विवाह समारोह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या सीमित कर क्रमशः 250 और 50 करने का फैसला लिया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में प्रदेश में कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में बड़े मेलों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए और स्कूलों में पहले की तरह 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कक्षाएं जारी रखी जाऐंगी.
#COVID19 संक्रमण की रोकथाम के लिए अभी सावधान रहने की आवश्यकता है। ऐसे में बड़े मेलों का आयोजन न हो। वैवाहिक कार्यक्रमों में 250 लोग तथा स्कूलों में विद्यार्थियों की 50% उपस्थिति रहे।
प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण को लेकर समीक्षा बैठक की। https://t.co/qNNDOCU8bJ https://t.co/8b97412McP
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 5, 2022
मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से होगा पालन
बैठक के बाद चौहान ने एक बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए अब सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे में बड़े मेले नहीं होंगे. विवाह समारोह अधिकतम 250 लोगों के साथ होना चाहिए और पहले की तरह स्कूल 50 प्रतिशत क्षमता से चलाए जाने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या 50 तक सीमित होगी. मुख्यमंत्री की बैठक के बाद, राज्य के गृह विभाग ने विवाह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की सीमित संख्या, मास्क, शारीरिक दूरी और कोरोना वायरस संक्रमण के अन्य दिशा निर्देशों के संबंध में आदेश जारी किए.
रोजाना कम से कम 60 हजार नमूनों की होगी जांच
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक रात का कर्फ्यू पहले से ही लागू है. चौहान ने अधिकारियों को प्रदेश में हर दिन कम से 60 हजार नमूनों की कोविड जांच करने, गृह पृथकवास में रहने वाले रोगियों की निगरानी करने और सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के पाए जाने वाले लोगों पर सख्ती करने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में कोविड देखभाल केंद्रों में एक लाख से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था की जानी चाहिए.
मध्य प्रदेश को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से खतरा
मुख्यमंत्री ने कहा, ’’अन्य राज्यों में रात के कर्फ्यू के साथ-साथ कई प्रतिबंध हैं. मध्य प्रदेश में कोई अन्य प्रतिबंध नहीं है, लेकिन विभिन्न समारोह में उपस्थिति को सीमित करने का निर्णय लिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि हमें भी सावधान रहने और एहतियाती उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि देश में सबसे ज्यादा मामले पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को राज्य में चिकित्सा सुविधाओं को स्थापित करने के अलावा देखभाल केंद्रों में मरीजों के अलगाव की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया.
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