Martyr BSF SI Mohammad Imtiaz: कश्मीर में भारत- पाक सीमा पर अपनी ड्यूटी निभाते हुए BSF के सब- इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तेयाज़ शनिवार को पाक हमले में शहीद हो गए थे. वो बिहार के सारण जिले के थे. सोमवार को जन उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया, तो उस वक़्त कोई अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे, न ही उनके परिवार वालों को उचित सहायता प्रदान की गयी.
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नई दिल्ली: भारत- पाकिस्तान में दो दिन चले जंग के बाद 10 मई को शाम 5 बजे अचानक जंगबंदी का ऐलान हो गया, लेकिन इसके 4 घंटे बाद ही कश्मीर की सीमा पर पाक सैनिकों ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी. ग्रामीण आबादी को निशाना बनाकर ड्रोन हमले कर दिए. इस जवाबी कार्रवाई में BSF के सब- इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तेयाज़ शहीद हो गए.
सब- इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तेयाज़ की इस शहादत पर पूरे देश ने उन्हें खिराज- ए - अकीदत पेश की.. लेकिन बिहार सरकार ने शहीद के प्रति बेहद उदासीन रवैये का प्रदर्शन किया, जिसे लेकर शहीद इम्तेयाज़ के परिवार में काफी रोष है. बिहार की अवाम ने भी इसके लिए नितीश सरकार की आलोचना की है.
शहीद इम्तियाज़ साहब की शहादत का अपमान हुआ है आज , एक CM दो डिप्टी CM हैं बिहार में SSP DM कोई नज़र नहीं आया एयरपोर्ट पर, शहीद के बेटे को एक AC गाड़ी तक उपलब्ध नहीं कराई गई उसी पुलिस के ट्रक में उनका सामान उठा कर रख दिया गया, पिता की मौत का बोझ उठाने वाला बेटा एयरपोर्ट से स्टेट… pic.twitter.com/fATLJk3VNQ
— Simab Akhtar سیماب اختر (@simabakhtar2) May 12, 2025
दरअसल, शहीद मोहम्मद इम्तियाज़ बिहार के सारण जिले में गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गाँव के निवासी थे. वो कश्मीर में भारत- पाक सीमा पर तैनात थे. 12 मई को जब उनका पार्थिव शरीर कश्मीर से पटना हवाई अड्डे पर पहुंचा तो वहां, राज्य सरकार का कोई अमला नज़र नहीं आया. पटना में एक CM दो डिप्टी CM, SSP और DM के रहते हुए एयरपोर्ट कोई भी शहीद के पार्थिव शरीर को रिसीव करने और उनके परिवार की मदद करने के लिए मौजूद नहीं था. यहाँ तक कि शहीद के बेटे मोहम्मद इमरान रजा को एक AC गाड़ी तक मुहैय्या नहीं कराई गई. पुलिस के ट्रक में उनका सामान उठा कर रख दिया गया. शहीद पिता की मौत का बोझ उठाने वाला बेटा एयरपोर्ट से स्टेट हैंगर तक अपना समान, अपना बैग ख़ुद ही लेकर पैदल चलता रहा. ये नज़ारा देखकर आम लोगों का भी दिल भर आया.. आम जनता सरकार की आलोचना कर रही है.
मुल्क की ख़ातिर आख़री सांस तक लड़ने वाले वीर मो० इम्तियाज़ साहब के आखरी सफ़र पर दौड़ती भीड़ ये बताने के लिए काफ़ी है कि शहीद का जनाजा है बड़ी शान से निकलेगा,
आखरी सलाम शहीद इम्तियाज़ साहब , pic.twitter.com/Yly2WJ4ZYX— Simab Akhtar سیماب اختر (@simabakhtar2) May 12, 2025
सत्ता पक्ष के अधिकांश नेताओं ने x पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की. हालांकि, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित, मंत्री नितिन नवीन, भाजपा सद्र दिलीप जायसवाल और दीगर नेताओं ने उन्हें पटना एयरपोर्ट पर शहीद को खिराज- ए- अकीदत पेश की. शाम 6 बजे के आसपास शहीद को उनके गाँव में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए- खाक कर दिया गया. हज़ारों की तादाद में लोग जनाज़े की नमाज़ में शामिल हुए और शहीद के लिए दुआएं की.
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इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में शहीद हुए बिहार के सारण जिले के गरखा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज जी को कोटि-कोटि नमन। देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा." उन्होंने कहा, "शहीद मोहम्मद इम्तियाज जी के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की तरफ से अनुमानित मानदेय दिया जाएगा. अंतिम संस्कार राज्य सरकार की तरफ से पुलिस सम्मान के साथ किया जाएगा."
शहीद मो. इम्तियाज अहमद तीन भाई हैं. उनसे छोटे भाई मोहम्मद मुस्तफा भी बीएसएफ में तैनात हैं, और इस वक़्त वह मेघालय में बांग्लादेश सीमा पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. उनके छोटे भाई मोहम्मद असलम गांव पर ही रहते हैं. इम्तियाज और मुस्तफा ने मिलकर अपने गांव में एक घर बनाया था, जिसका नाम उन्होंने ‘सीमा प्रहरी निवास’ रखा है.
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