जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के कौमी सद्र मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madni) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते असर को देखते हुए सभी मुसलमानों से अपील की है कि रमज़ान के मुकद्दस महीने में मस्जिदों के अंदर नमाज़ व तरावीह न पढ़ें बल्कि घरों के अंदर ही नमाज़ व तरावीह
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सैयद उवैस अली/देवबंद: जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के कौमी सद्र मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madni) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते असर को देखते हुए सभी मुसलमानों से अपील की है कि रमज़ान के मुकद्दस महीने में मस्जिदों के अंदर नमाज़ व तरावीह न पढ़ें बल्कि घरों के अंदर ही नमाज़ व तरावीह का अहतिमाम किया जाए, जिससे कोरोना वायरस के खतरे से बचा जा सके.
उन्होंने आगे कहा कि तमाम दुनिया इस बीमारी का मुकाबला करने से बेबस है किसी के पास कोई दवा नहीं है और इसकी वुसअत को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक वाहिद तरीका है, इसलिए हमारे बुजुर्गों और उलेमाओं ने मिलकर सारी दुनिया के अंदर यह फैसला किया है की नमाज़ और तरावीह मस्जिदों में अदा करने के बजाए अपने-अपने घरों में ही अदा करें और इजतमाइयत से बचें.
उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए जिस तरह हम अब तक मस्जिदों से अलग होकर नमाज़ अदा कर रहे हैं उसी तरह तरावीह की नमाज़ भी अपने घरों में ही अदा करें. मस्जिद में सिर्फ इमाम और ज्यादा से ज्यादा दो-तीन लोग और पढ़ लें तो इसमें कोई हैरत की बात नहीं है.
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