मौलाना जलाल नक़वी ने कहा कि पीएम केयर फंड में मुस्लिमों नें पैसा दिया है और अभी भी दे रहे हैं लेकिन ईद उल अज़हा पर कुर्बानी करना एक अलग अमल है.
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नई दिल्ली/शोएब रज़ा: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ़ बोर्ड के साबिक सद्र वसीम रिज़वी अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं, वसीम रिज़वी ने ईद उल अज़हा पर कुर्बानी को लेकर कहा कि कोरोना काल में बकरीद पर कुर्बानी करने के बजाए मुसलमानों को चाहिए कि वो कुर्बानी का पैसा पीएम केयर फंड में दे दे. जिसके बाद मुस्लिम मज़हबी रहनुमाओं ने उन्हे निशाने पर लिया है.
रिज़वी के बयान पर शिया मज़हबी रहनुमा मौलाना जलाल नक़वी ने वसीम रिज़वी के बयान को उनका अपना नज़रिया क़रार दिया है. मौलाना जलाल नक़वी ने कहा कि पीएम केयर फंड में मुस्लिमों नें पैसा दिया है और अभी भी दे रहे हैं लेकिन ईद उल अज़हा पर कुर्बानी करना एक अलग अमल है. मौलाना ने आगे कहा, कि कुर्बानी इस्लाम में सुन्नते इब्राहिमी हैं और हर मुसलमान जो साहिबे निसाब हैं वो कुर्बानी ज़रूर करता है. कुर्बानी का गोश्त भी गरीबों में बांटा जाता है. ऐसे में किसी त्योहार को लेकर इस तरह की बातें करना ठीक नहीं.
इससे पहले भी ईद उल अज़हा को लेकर कई नेताओं में बयान बाज़ियां सामने आई हैं. संभल से लोकसभा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और संगीम सोम के दरमियान भी वार-पलटवार हो चुके हैं. कोरोना के मद्देनज़र बकरीद को देखते हुए यूपी हुकूमत की जानिब से भी गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें सभी मुस्लिम भाइयों से अपील की गई है कि वो अपने घरों में रहकर ही बकरीद मनाएं. साथ ही इंतेज़ामिया से कहा गया है कि वो सख़्ती से इसका पालन कराएं.
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