Power Crisis: केंद्र की स्टेट्स को वार्निंग, बिना बताए बिजली बेची, तो भुगतने पड़ेंगे अंजाम
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Power Crisis: केंद्र की स्टेट्स को वार्निंग, बिना बताए बिजली बेची, तो भुगतने पड़ेंगे अंजाम

मिनिस्ट्री ऑफ पावर  (Ministry of Power) ने कौमी दारुल हुकूमत दिल्ली में बिजली फराहमी की सूरते हाल की भी जानकारी दी है.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: मुल्क भर के बिजली प्लांट्स में कोयला फराहमी (Coal supply) में कमी से निपटने के लिए मरकज़ी हुकूमत ने कवायद तेज़ कर दी है. मिनिस्ट्री ऑफ पावर की तरफ से राज्यों से उपभोक्ताओं को बिजली की फराहमी के लिए आवंटित बिजली का इस्तेमाल करने की गुज़ारिश की गई है. इसके साथ ही सरप्लस पावर के मामले में राज्यों से गुज़ारिश की गई है कि वे सूचित करें ताकि इसका इस्तेमाल जरूरतमंद राज्यों को आवंटित किया जा सके.

आवंटित बिजली शेड्यूल नहीं करने पर कार्रवाई
मिनिस्ट्री ऑफ पावर की तरफ कहा गया है कि अगर कोई स्टेट पावर एक्सचेंज (Power Exchange) में बिजली बेचता हुआ पाया जाता है या इस आवंटित बिजली को शेड्यूल नहीं कर रहा है तो उनकी आवंटित बिजली आरज़ी तौर पर कम या वापस ली जा सकती है. ऐसी बिजली दूसरे स्टेट्स को दोबारा मुख्तस की जा सकती है, जिन्हें ऐसी बिजली की जरूरत होगी.

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हुकूमत ने बताया दिल्ली में क्या है बिजली की सूरते हाल
इसके साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ पावर  (Ministry of Power) ने कौमी दारुल हुकूमत दिल्ली में बिजली फराहमी की सूरते हाल की भी जानकारी दी है और बताया है कि 10 अक्टूबर 21 को दिल्ली की ज्यादा से ज्यादा मांग 4536 मेगावाट (पीक) और 96.2 एमयू (ऊर्जा) थी. बिजली की कमी की वजह से कोई आउटेज नहीं था, क्योंकि ज़रूरी मिकदार में बिजली की फराहमी की गई थी.

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काबिले ज़िक्र है कि पीएम दफ्तर (PMO) कोयला फराहमी की सूरते हाल को लेकर मंगलवार को एक समीक्षा भी करने वाला है. देश के कई शहरों में ब्लैक आउट की बढ़ती चिंताओं के बीच यह कदम उठाया गया है. इसके पहले ऊर्जा मंत्री आरके सिंह मंत्रालय के अफसरों और निजी कंपनियों के साथ बैठक कर चुके हैं. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा था कि देश में कोई बिजली संकट (Power Crisis) नहीं है और न ही होने दिया जाएगा. कोयले के स्टॉक पर आरके सिंह ने कहा था कि उनकी कोयला मंत्री प्रह्ललाद जोशी से बात हुई है और कोयला आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.

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